लाइव इंडिया ब्यूरो संजय कुमार गौतम
चित्रकूट- पड़ोसी को घर से घसीट कर लाने और उसकी गला काट कर हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने हत्यारोपी पति-पत्नी और उनके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष की ओर प्रभावी पैरवी के चलते एक साल पहले हुए इस हत्याकांड के मुकदमें निर्णय आने के बाद जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुंदर मिश्रा ने बताया कि लगभग 1 साल पहले हुए इस हत्याकांड में कड़ैहा पुरवा,सर्दी खुर्द निवासी हेतराम आदिवासी ने बरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में वादी ने कहा था कि उसका भतीजा राम कैलाश( 46 )बीती 1मई को रात नौ बजे अपने घर में था। इस दौरान पड़ोस में रहने वाला धर्मराज आदिवासी अपने पिता समरजीत और मां सरोज देवी के साथ राम कैलाश के दरवाजे के दरवाजे पहुंचकर गाली गलौज करने लगा। विरोध करने पर तीनों लोग राम कैलाश को घसीट कर अपने दरवाजे तक ले गए। इसके बाद समरजीत व उसकी पत्नी सरोज ने राम कैलाश को पकड़ लिया और उनके बेटे धर्मराज ने हसुवा से उसकी गर्दन में जानलेवा हमला कर दिया। जिससे राम कैलाश वहीं गिर गया और गर्दन में घाव होने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी मृतक के चाचा हेतलाल की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। एक साल पहले हुए इस हत्याकांड में अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी के चलते अब तक तीनों हत्यारोपियों की जमानत नहीं हो सकी।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर हत्यारोपी धर्मराज, उसके पिता समरजीत व मां सरोज देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही प्रत्येक आरोपी को 11हजार रू अर्थदंड से दंडित किया गया।