अरुण गर्ग चीफ ब्यूरो लाइव इंडिया *सतना*आज इंडियन बैंक के सभी बैंक मित्र का एक प्रतिनिधिमंडल इडियन बैंक के क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक
श्री राजेश बडोरिया से मिला और अपनी समस्या पूरी तरह से अवगत कराया श्री राजेश बड़ोदिया जी ने यह अवससन देते हुए कहा कि आपकी समस्या बहुत ही गंभीर और जटिल है उसके लिए हम और आपको साथ मिलकर इस समस्या का निदान करना होगा चर्चा के दौरान यह बताया गया है कि आपका समस्या का निदान हम अपने हेड ऑफिस चेन्नई स्थिति में अवगत कराएंगे और आप लोग भी प्रधानमंत्री कार्यालय रिजर्व बैंक आफ इंडिया में पत्राचार करके आप अपनी समस्याओं के बारे में पत्र भेज सकते हैं श्री राजेश बडोरिया जी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह समस्याओं को निदान करने में लगभग एक माह का समय लगभग लग सकता है बैंक के सभी बैंक मित्र यह बताया कि पूर्व में हमें ₹5000 हर माह पेमेंट के रूप में दिया जाता था और बैंक में पैसा जमा करने और निकासी में भी कमीशन के रूप में प्रदान किया जाता था परंतु 2019 से हमारा निकासी और जमा करने में कमीशन पूरी तरह से बंद कर दिया गया जबकि हमने जनधन खाता खोलने में दिन-रात एक कर दिया और बैंक को जिले को अवार्ड भी मिला है पर इस महंगाई के दौर में जहां कमिशन और हमारा वेतनमान बढ़ाने के बजाय और हमारे ही कमीशन में और वेतन में डाका डाला जा रहा है यह सरासर अन्याय एवं अनुचित है अभी हाल ही में क्षेत्र प्रबंधन ने यह आदेश जारी किया है कि कहा है कि आपको घर-घर द्वार द्वार सभी जमा करना है और निकासी कर्ताओं के घर जाना है और एक मशीन के माध्यम से बैंकिंग प्राणी को आप सुचारू रूप से चालू रखेंगे वह मशीन आपको क्षेत्रीय कार्यालय से खरीदना होगा जिसकी कीमत लगभग 32000 है और बैंक मित्र अपने खर्चे से ही खरीदे तो यह कहावत सिद्ध धोती है की आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया बैंक मित्र को प्रोत्साहित करने के बजाय आए हताशा ही निराशा लग रही है जबकि इस महंगाई के दौर में दुकान का किराया और अन्य खर्चे बिजली का बिल और भ्रमण के दौरान पेट्रोल खर्च जुड़े होते हैं यह भी निकालना असंभव है और चर्चा के दौरान ये बताया गया की कई बैंक मित्रों के खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं इस विषय में क्षेत्रीय प्रबंधक को अवगत करा दिया गया है सभी बैंक मित्रों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है बहुत आर्थिक मंदी का दौरा गुजर रहा है । वैसे भी इस डिजिटल के जमाने में यूपीआई और आधार कार्ड से पेमेंट निकालने के कारण बैंक मित्र से कोई भी लेन देन के लिए संपर्क नहीं करता है और पहले से 2019 के बाद ही हमारा कमीशन बंद कर दिया गया है अब हम लोगों के सामने रोजी-रोटी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में हम परिवार अपना कैसे भरण पोषण करें इसके लिए कौन जिम्मेदार है जब प्रधानमंत्री जनधन योजना खोलना था तो हमें कितने बड़े-बड़े वादे किए गए थे उसी के तर्ज में हमने अपने भविष्य को ना देखते हुए हमने बैंक मित्र बनना और बैंक का साथ देना उचित समझा हमें लगा कि शायद यह देश हित में है तो आने वाले समय में हमारा भी हित होंगा परंतु आज जिस तरीके से हमारे साथ अन्याय और छलावा किया गया है शायद बहुत ही निंदनीय है आज हम अपने पत्र के माध्यम से क्षेत्री प्रबंधक श्री राजेश बड़ोदिया जी को अवगत करा दिया है अगर हमारी मांगे एक महीने तक नहीं की गई तो आगामी बड़े आंदोलन के लिए रणनीति बनाने के लिए बढ़ेंगे