डिण्डौरी। जिले के शासकीय स्कूलों में कार्यरत रहे व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षकों का कहना है कि वर्तमान में उनकी सर्विस को ब्रेक कर दिया गया है जिससे इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया बाधित हो रही है। साथी वर्तमान सत्र में माह जून से उनकी सेवाएं निश्चित कल के लिए स्थगित कर दी गई है जिससे विद्यालयों में प्रवेश काउंसलिंग अध्यापन कार्य बाधित है।
व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षकों की सेवाएं स्थगित करने से उनके परिवार के ऊपर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की गई है कि जल्द ही उनकी सेवाएं बहाल की जाएं।
आपको बता दें कि व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षकों को आउटसोर्सिंग के जारी रखा गया था। इनका कहना है कि आउटसोर्सिंग प्रणाली को खत्म करते हुए में विद्यालयों में नियमित रूप में रखा जाए।
नवीन व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षक महासंघ के बैनर तले ज्ञापन देने पहुंचे प्रशिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि
समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत नवीन व्यावसायिक शिक्षा संचालित शासकीय विद्यालयों में व्यावसायिक प्रशिक्षक विगत वर्ष 2015-16 से वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर (वीटीपी) के माध्यम से नियुक्त किये गए हैं। वर्तमान में जिनकी संख्या 3386 हो गई है एवं इस वर्ष 1092 नई नियुक्ति की जानी प्रस्तावित हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षक केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक नवीन व्यावसायिक शिक्षा के आधार स्तम्भ रहे हैं जिनके माध्यम से शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनकर रोजगार एवम स्वरोजगार से जोड़े जा रहे हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 में भी व्यावसायिक शिक्षा के लिए अत्यधिक महत्व दिया गया है।
जिनके उद्दश्यों की पूर्ति हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षकों की वर्तमान स्थिति पर संगठन आपका ध्यान आकर्षण कराना चाहता है।
कोरोना काल उपरांत अकारण विभाग द्वारा लगातार प्रतिवर्ष विटी की सेवाओं में सर्विस ब्रेक दिया जाने लगा है। जबकि केंद्र सरकार से प्रतिवर्ष 12 मासी बजट आवंटन किया जाता है। अन्य राज्यों में सर्विस ब्रेक न देते हुये 12 मासी सेवाएं ली जाती रही है। जिनमे मप्र भी वर्ष 2019 के पहले लागू करने में शामिल रहा है। अतः सर्विस ब्रेक या टेंडर रिवाइज के नाम पर इस तरह से विटी के सेवाओं में अनियमितता उचित नहीं। व्यावसायिक प्रशिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान नहीं दिया जाता है। 4-5 माह लगातार वेतन भुगतान में अधिकांश वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स (वीटीपी: आउटसोर्सिंग कम्पनी) विलम्ब करती आई है। जिससे की व्यावसायिक प्रशिक्षकों को कई गंभीर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है। विगत वर्ष 2015-16 से अब तक न कोई महंगाई दर न ही वेतन वृध्दि, जॉब पॉलिसी इस प्रकार व्यावसायिक प्रशिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में व्यवसायिक प्रशिक्षक की ज्वाइनिंग नहीं होने से व्यवसायिक ट्रेड में नामांकन एवं बच्चों को काउंसलिंग प्रक्रिया प्रभावित हो रही है,
जैसे की नई शिक्षा नीति में ये उल्लेखित है कि व्यवसायिक शिक्षा का प्रचार – प्रसार कर व्यवसायिक शिक्षा का बढ़ावा देने हेतु कार्य करना है। जो की व्यवसायिक प्रशिक्षक के बिना संभव नहीं है।
व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षकों ने कहा कि विसंगतियों को एवं व्यावसायिक शिक्षा में आए व्यावधान को शीघ्र दूर करने का कष्ट करें। जिससे कि व्यावसायिक शिक्षा के संचालन हेतु हरियाणा मॉडल से भी बेहतर मध्यप्रदेश मॉडल तैयार किया जावे एवं नई शिक्षा नीति 2020 के तहत व्यावसायिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में व्यावसायिक प्रशिक्षक प्रोत्साहित हो सकें।
Author: liveindia24x7
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