सुदामा चरित्र भागवत कथा का समापन और चढौत्री आज रविवार को है….
भागवत यात्रा परिवार के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सांई मंदिर परिसर धवारी में सुप्रसिद्ध भागवताचार्य आशीषाचार्य जी महाराज वृदांवनोपासक ने छठें में दिवस पर महारास के पांच अध्याय के संबंध में जानकारी दी। उनमें गए जाने वाले गीत भागवत के पंचप्राण हैं। जो भी ठाकुर के इन पांच गीतों का भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हे भगवत भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती हैं महाराज श्री ने कहा कि महारास कथा रुक्मणी विवाह उत्सव बड़े धूमधाम पर महारास में भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों को आवाहन किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। भगवान श्री कृष्ण ने सोलह हजार एक सौ आठ कन्याओं से विवाह कर व भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की मनोहर झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होकर नृत्य गान आदि करते हैं। उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। भागवत कथा में महत्व को बताते हुए जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती हैं और यदि कोई कमी रहती है वह मात्र संकल्प की होती है और एवं कपट,छल, राग, ईर्ष्या , रूपी कुभाव नहीं त्यागेंगे तब तक महारास नहीं समझ पाएंगे । द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्यमार्गी है इसलिए वह असत्य को नहीं सत्य को अपनाएंगे अंत में भगवान द्वारकाधीश ने रुक्मणी के संकल्प को पूर्ण किया और पटरानी के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया । इसी शुभ अवसर पर कथा में एडवोकेट राजेश चतुर्वेदी जी, एडवोकेट श्री अनुराग चतुर्वेदी एडवोकेट विकास गर्ग शिक्षक मोहित गर्ग लकी दीपू रंगभूमि वाटिका डायरेक्टर, एसपी सिंह, दिलीप चतुर्वेदी पूरा परिवार सहित, चुन्नू कुशवाहा विनय शुक्ला रामेश्वर तिवारी बच्ची गर्ग जतिन गर्ग हरिओम तिवारी सत्यम तिवारी सक्षम तिवारी रमेश वंदना तिवारी भूरा त्रिवेदी धीरू त्रिवेदी अमृतलाल त्रिवेदी भागवत यात्रा परिवार ने जानकारी दी की भव्य विशाल भंडारा 22 जुलाई को है