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अधिक पावर के साथ जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती है – कलेक्टर अनुराग वर्मा 

कलेक्टर निःशुल्क कोचिंग क्लासेस के नवीन बैच का शुभारंभ करते हुए छात्र छात्राओं से रुबरू हुए

 

लाइव इंडिया ब्यूरो चीफ तुलसीदास बैरागी

 

सतना : कलेक्टर अनुराग वर्मा (आईएएस) ने कहा है कि अधिक पावर के साथ जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती है। वे आज इनक्यूबेशन सेंटर, धवारी चौराहा, कलेक्ट्रेट के पीछे संचालित यूपीएससी एवं एमपीपीएससी नि:शुल्क कोचिंग क्लासेस के नवीन बेच का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर एवं पौधा लगाने के दौरान संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान नि:शुल्क कोचिंग के संयुक्त संचालक सोनू प्रकाश प्रजापति, शिक्षक नयन गुप्ता, आकांक्षा अग्रवाल, कुंज बिहारी पटेल एवं छात्र–छात्राएं उपस्थित थे।

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि अधिक शक्तियों के साथ जिम्मेदारी भी अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए अपनी सिविल सर्विस की जर्नी के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह से प्री, मैंस, इंटरव्यू क्वालीफाई हुआ और सिलेक्शन के बाद कलेक्टर बनने तक के सफर का भी अनुभव साझा किया‌। इस दौरान आने वाली चुनौतियां तथा उनमें किस तरह से निर्णय लिया जाए उनके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारा निर्णय सही होना चाहिए। इसका पता हमें निर्णय के प्रभाव से चलता है। अगर हमारे निर्णय का प्रभाव सही रहा, तो हमने सही निर्णय लिया और अगर हमारे निर्णय का प्रभाव गलत हुआ, तो हमने गलत निर्णय लिया। इसीलिए हमें सही निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने अभ्यर्थियों को चंद्रगुप्त की कहानी सुनाते हुए कहा कि चंद्रगुप्त एक बार युद्ध में हार गए थे। तब चाणक्य ने उन्हें बताया कि अगर हमारे पास गर्म खाना रखा है, तो हमें पहले किनारे से खाना होता है। हमें मगध को जीतना है, तो आसपास के क्षेत्र को पहले जीतना होगा। इसलिए हम पढ़ाई करते वक्त पहले छोटी-छोटी चीजों से शुरुवात करें। तभी हम बढ़े लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने बताया कि यूपीएससी समय मांगती हैं और इसमें धैर्य रखना जरूरी है। साथ ही पारिवारिक सहयोग बहुत आवश्यक है। क्योंकि इसमें समय लगता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि माइंड का कंसंट्रेट होना बहुत जरूरी है। क्योंकि हमें सिविल सर्वेंट बनना है, तो हम समाज से कट भी नही सकते है। हमे समाज से जुड़कर रहना पड़ेगा। हमे हमेशा पॉजिटिव रहते हुए टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए।

सिविल सर्विस की तैयारी में कई अभ्यर्थी परीक्षा देते हैं। हम ग्रुप बनाकर तैयारी करते हैं, तो हमारा कंपटीशन उनसे नहीं होता है और हमारा कंपटीशन उनसे रहता है, जो पहले एग्जाम दे चुके हैं।

पढ़ने के साथ-साथ लिखना भी जरूरी है, क्योंकि लिखा हुआ हमें ज्यादा याद रहता है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। सफलता हार्ड वर्क मांगती है और समर्पण तथा धैर्य भी जरूरी है। हम जब आंसर राइटिंग करें, तो अपने आंसर को तर्क के साथ प्रमाणित करें। आंसर को करंट के साथ इंक्लूड करते हुए लिखें। इससे हमारा आंसर बेहतर होगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आपका एग्जाम क्वालीफाई नहीं हो रहा है, तो आपको विचार करना चाहिए‌ कि क्या कमी रह गई थी और उनको सुधार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

अभ्यर्थियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी दिया इस यात्रा में तैयारी करने के लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी छात्र छात्राओं को बधाई भी दी।

उल्लेखनीय है की कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा और आदर्श परिवार एवं आधुनिक नालंदा के डायरेक्टर परीक्षित भारती के सहयोग से 13 मार्च 2022 से सतना में यूपीएससी म एवं एमपीपीएससी की नि:शुल्क कोचिंग निरंतर संचालित हो रही है।

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Author: liveindia24x7