धार, ब्यूरो चीफ़ सुनील कुमार विश्वकर्मा
धार, सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट हो रही है पिछले सीज़न 2022 ,23 के मुक़ाबले इस बार उत्पादन औसत से कम हुआ है लेकिन 2022,23 के बराबर भाव नहीं मिल पा रहे हैं चालू वर्ष 2024 में दो बार सोयाबीन में मंदी आयी इसके कारण किसानों को आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ रहा है अगर पिछले वर्षों से वर्तमान वर्ष में तुलना की जाए तो सोयाबीन में 12, सौ रु. कि मंदी है सरकार के द्वारा लगातार लाभकारी मूल्य की बात तो मीडिया में आती है लेकिन औसत से कम उत्पादन होने पर भी मंदी की और सोयाबीन क्यों जा रहा है कहीं सरकार की आयात , निर्यात नीति में गड़बड़ तो नहीं है लेकिन मीडिया इसको अपनी हेडलाइन नहीं बनाता है वर्तमान में तीन वर्ष के बाद लहसुन में तेज़ी मीडिया की हेडलाइन बन गया है लेकिन सोयाबीन की मंदी मीडिया और , ना ही सरकार को दिखाई दे रही है किसान का अच्छा सोयाबीन भी उचित मूल्य में नहीं बिक रहा है किसान परेशान आख़िर वहाँ करें तो क्या करें