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जिला अस्पताल में गरमाया डॉक्टरो का मामला

हुकुम सिंह तेकाम लाईव इंडिया

रायसेन lमुख्यालय अस्पताल जिला अस्पताल मैं डॉक्टर का मामला गरमाया l वही आए दिन सुर्खियों में रहने की आदत पड़ गई कल से एक विवाद छिड़ा हुआ है और वह विवाद है जिला स्वास्थ्य विभाग का जिसमें रायसेन जिले के सी एम् एच और जिला रायसेन अस्पताल के चिकित्सक दोनों पक्ष एक का वीडियो वायरल होने से एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं पर पूरा शहर यह जानता है और पूरा जिला यह जानता है कि जितने भी शासकीय डॉक्टर हैं वह कहीं ना कहीं अपने निजी प्रैक्टिस पर ज्यादा ध्यान देते हैं कई बार देखा गया है और कई वीडियो खबरें वायरल हुई की प्रसूति विभाग में कई ऐसे डॉक्टर हैं जो मरीजों को डरा कर धमका कर उन्हें इतना डरा देते हैं की मजबूरी बस वह प्राइवेट क्लिनिको में जाकर के अपना प्रसव कराती हैं जो प्रसव सामान्य तरीके से जिला अस्पताल में हो सकता है उसके निजी अस्पतालों में भेज कर 20 से 30 हजार रुपए जनता खर्च करवाती हैं ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि जिला अस्पताल में प्रसव के नाम पर डॉक्टर द्वारा पांच ₹5000 की रिश्वत लेने के मामले भी देखे जा चुके हैं तो एक बड़ा सवाल है कि जब शासकीय डॉक्टर को सरकार एक मोटी तनख्वाह देती है तो फिर इनको प्रैक्टिस की क्या जरूरत अब जब यह प्रैक्टिस करेंगे तो जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं कैसे सुधारेंगी मैं किसी एक पक्ष की बात नहीं कर रहा हूं पर यह सत्य है की डॉक्टर के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जो प्रैक्टिस के नाम पर मरीज को लूट रहे हैं उनकी प्रेक्टिस बंद हो तभी जाकर के जिला अस्पताल की समस्याएं सुधारेंगी और हां एक बड़ा सवाल और रायसेन जिला चिकित्सालय परिसर में जो व्यावसायिक दुकानें बनी है उन पर बड़े-बड़े मेडिकल्स हैं उन मेडिकल्स के बगल में डॉक्टर के चेंबर बने हुए हैं देखा जा सकता है कि डॉक्टर ओ पी डी के समय भी मरीज के आने से अपने-अपने चैंबर्स में पहुंच जाते हैं फिर मोटी कमाई करते हैं जिला अस्पताल में निशुल्क सोनोग्राफी है परंतु बाहर दुकानों में सोनोग्राफी सेंटर भी बनाए गए हैं अब जितनी भी गर्भवती माताएं हैं उनको सोनोग्राफी के लिए बाहर भेजा जाता है क्योंकि उन्होंने से कहा जाता है कि यहां की सोनोग्राफी रिपोर्ट सही नहीं आती जो सामान्य तौर पर सबको स्पष्ट दिखाई देता है अब आप सबको यह भी पता है कि बाहर रोड पर किन-किन चिकित्सकों के चेंबर हैं और कौन-कौन बैठता है सब पता है लेकिन उसके बाद भी सब की आंखें बंद है आज निजी स्वार्थ के लिए एक विवाद पैदा कर दिया गया परंतु क्या यह विवाद मरीजों पर हावी होगा अगर इसी तरीके से डॉक्टर और अधिकारियों में खींचातानी चलती रहेगी तो शासकीय जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं भंग होना लाजमी है ऐसे में रायसेन जिले के मुखिया आदरणीय कलेक्टर महोदय को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश देना चाहिए जिससे प्राइवेट प्रैक्टिस भी बंद हो और यह विवाद भी खत्म हो पक्ष कोई भी हो अगर गलत है तो कार्रवाई होना जरूरी है वैसे तो देखा जाए तो शासन के नियम अनुसार मुख्य जिला अधिकारियों की 3 वर्ष होने पर चुनाव के पूर्व ट्रांसफर किया जाता है पर आज भी कई विभाग में ऐसे कई अधिकारी बैठे हैं जिन्हें 3 वर्ष के ऊपर हो चुके हैं पर भी वह आज अपने कुर्सी संभाले हुए बैठे हैं

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Author: liveindia24x7

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