अपकमिंग वेब सीरीज ताज में मुगल बादशाह अकबर की भूमिका निभाने वाले नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि मेडिवल पीरियड की डायनेस्टी के शासकों को बिना किसी कारण के खलनायक बना दिया जाता है। अभिनेता ने मुगल शासक के अपने कैरेक्टर के बारे में खुलकर बात करते हुए कहा कि इन शासकों के बारे में आज के समय में चर्चा होनी चाहिए।
नसीरुद्दीन शाह ने किया मुगलों का समर्थन
मुगलों ने उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से पर 1526 से लेकर लगभग तीन शताब्दियों तक शासन किया, हालांकि उनका पीक टाइम था 17वीं शताब्दी। पिछले कुछ सालों में, देश में ऐसा नेरेटिव सेट हो गया कि दूसरे आक्रांताओं की तरह मुगल भी क्रूर थे और उन्होंने हमारी संस्कृत को खराब ही किया है। अब तो कई लोग भारत में उनके योगदान पर सवाल उठाते रहते हैं।
लूटेरे नहीं थे मुगल
इसे संबोधित करते हुए, नसीरुद्दीन शाह ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘यह मुझे बहुत हैरान करता है, क्योंकि ये बहुत ही हास्यास्पद है। मेरा मतलब है, लोग अकबर और नादिर शाह या बाबर के परदादा तैमूर जैसे जानलेवा आक्रमणकारी के बीच अंतर नहीं बता सकते। ये वो लोग थे जो यहां लूट करने आए थे, मुगल यहां लूट करने नहीं आए थे। वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने यही किया। उनके योगदान को कौन नकार सकता है?’
इन्हें मत बनाओ खलनायक
एक्टर ने कहा कि हो सकता है कि मुगलों का अधिक महिमामंडन किया गया हो, लेकिन उन्हें खलनायक बनाने की भी जरूरत नहीं है। ‘तो लोग जो कह रहे हैं वह कुछ हद तक सही है, कि मुगलों को हमारी अपनी स्वदेशी परंपराओं की कीमत पर महिमामंडित किया गया है। शायद यह सच है, (लेकिन) उन्हें खलनायक बनाने की भी जरूरत नहीं है।