जेल में बंद मकराना के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस फरजंद अली ने 10 साल की सजा के आदेश को चुनौती देने पर सजा को स्थगित कर अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार किया, साथ ही जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। मकराना से पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को दुष्कर्म के 20 साल पुराने मामले में 10 साल जेल के साथ ही 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था।
तर्क – महिला ने 7 माह बाद केस किया, पुलिस ने एफआर लगा दी थी
अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए, इस पर भंवरलाल राजपुरोहित की ओर से उनके पौत्र दीपेंद्रसिंह राजपुरोहित और पौत्री दामाद मधुसूदनसिंह राजपुरोहित ने पैरवी की। दोनों ने हाईकोर्ट में तर्क देते हुए कहा कि पीड़िता ने 7 महीने बाद मामला दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस मामले में पुलिस के उच्च अधिकारियों ने जांच कर एफआर लगा दी थी। सुनवाई के दौरान पीड़िता व उसकी मां भी मौजूद थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 21 फरवरी 2023 को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश मकराना के आरोपी भंवरलाल को 10 साल की सजा और 1 लाख रु. जुर्माने के आदेश को स्थगित करते हुए जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए है।
पुलिस में केस दर्ज करवाने महिला को कोर्ट से इस्तगासा लाना पड़ा था
राजपुरोहित के खिलाफ मकराना के मनाना गांव की महिला ने 01 मई 2002 को दुष्कर्म की शिकायत दी थी। तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो कोर्ट इस्तगासा के जरिए मामला दर्ज करवाया गया था। घटना के वक्त पूर्व विधायक राजपुराेहित की उम्र 66 साल और महिला की उम्र 22 साल थी। अब भंवरलाल 86 साल के हो चुके हैं। पीड़िता की उम्र 43 साल हो चुकी है। महिला ने रिपोर्ट में बताया था कि 29 अप्रैल 2002 को वह दोपहर में भंवरलाल राजपुरोहित के कुएं पर गई थी। इस दाैरान भंवरलाल ने उसे कमरे के अंदर बुलाया और दुष्कर्म किया था।

Author: liveindia24x7



