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विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया

ब्यूरो चीफ संजय कुमार गौतम

चित्रकूट:उ०प्र०राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान के अनुक्रम में आज दिनांक 10.12.2023 को “मानवाधिकार दिवस” के अवसर पर महामति प्राणनाथ महाविद्यालय मऊ, चित्रकूट में विकास कुमार- प्रथम, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चित्रकूट की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्रकूट द्वारा अपने सम्बोधन में बताया गया कि इस वर्ष सत्तरवां अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। जिसकी थीम है स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय को प्रत्येक व्यक्ति तक सुलभ बनाने के उद्देश्य से ही विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है एवं प्रत्येक पात्र व्यक्ति को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर बताया गया कि मानवाधिकारों को आमतौर पर मौलिक अधिकारों के रूप में समझा जाता है, जिसके लिए एक व्यक्ति स्वाभाविक रूप से सिर्फ इसलिए हकदार है क्योंकि यह एक इंसान है “मानव अधिकारों” का अर्थ मानव होने के कारण उनके पास कुछ बुनियादी अधिकार है जिन्हें आमतोर पर मानव अधिकार के रूप में जाना जाता है। मानवाधिकारों को उन सभी अधिकारों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो व्यक्तियों की गरिमा के संरक्षण और रख-रखाव के लिए आवश्यक है और ऐसी स्थितियाँ बनाते हैं जिनमें प्रत्येक मनुष्य अपने व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से विकसित कर सकता है जिसे मानव अधिकार कहा जा सकता है दीपनारायण तिवारी विशेष न्यायाधीश, चित्रकूट द्वारा बताया गया कि व्यक्ति के जन्म के साथ ही मानवाधिकार सक्रिय हो जाते हैं। मानव अधिकार, जन्म अधिकार होने के कारण, सभी व्यक्तियों में उनकी जाति, धर्म, लिंग और राष्ट्रीयता के बावजूद निहित हैं। मनुष्य के लिए उनके अत्यधिक महत्व के कारण मानवाधिकारों को कभी-कभी मौलिक अधिकार, मूल अधिकार, अन्तर्निहित अधिकार, प्राकृतिक अधिकार और जन्मजात अधिकार के रूप में सन्दर्भित किया जाता है फर्रुख इनाम सिद्दीकी, अपर जिला जज /सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि संवैधानिक गारंटी के बावजूद हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार अभी भी जारी हैं, पुलिस स्टेशनों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व की कमी गिरफ्तार / हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। मानव अधिकारों और शारीरिक अक्षुणता के लिए खतरा पुलिस स्टेशनों में सबसे अधिक है। हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार ऐसी समस्याएँ हैं जो अभी भी हमारे समाज में व्याप्त है सुशील कुमार वर्मा अपर जिला जज, चित्रकूट द्वारा बताया गया कि सभ्यता के विकास के साथ ही मानव के अधिकारों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से राज्य एवं अनेक संस्थायें अस्तित्व में आयी ताकि व्यक्ति एवं संस्था के मध्य विवाद की स्थिति में मानव के अधिकारों का संरक्षण किया जा सके महामति प्राणनाथ महाविद्यालय की छात्रा अलंकृता तिवारी द्वारा मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मानव अधिकारों बारे में वक्तव्य किया गया इस अवसर पर डॉक्टर संतोष चतुर्वेदी प्रभारी प्राचार्य, सुंदर लाल सुमन प्रबंधक, डॉ० उमा जायसवाल अध्यक्ष, के०एन० सिंह एड० पूर्व अध्यक्ष बार एसोसियेशन मऊ, सुशील कुमार मिश्रा एड०, डॉक्टर एस कुरील, एसोसिएट प्रोफेसर, पूरन सिंह, राजनारायण सिंह, अरविंद यादव, अजय कुमार द्विवेदी सचिव, आचार्य नरेन्द्र देव सर्व सेवा आश्रम, बालकृष्ण विश्वकर्मा एवं छात्र-छात्रयें उपस्थित रहे

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Author: liveindia24x7

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