देवास ब्यूरो चीफ कन्नौद से शैलेंद्र पांचाल
(शैलेन्द्र पांचाल)
कन्नौद। महाशिवरात्रि पर्व पर “खिवनी वन्य प्राणी अभयारण्य” की ओर से वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण के महत्व को बल देने हेतु रैली के माध्यम से अभयारण्य के संरक्षण हेतु संदेश दिया गया है। इस अवसर पर, अभयारण्य प्रबंधन ने एक विशेष अभियान की घोषणा की जिसमें जन जागरूकता कार्यक्रम, वन्य जीवों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा इस अभियान का उद्देश्य भगवान पशुपतिनाथ, से प्रेरणा लेकर आम जनता में वन्य जीवों और उनके आवास स्थलों की सुरक्षा के प्रति समझ और संरक्षण की भावना को प्रेरित करना है। विशेष रूप से बच्चों और युवाओं को वन्य जीवों के प्रति जागरूक बनाने और उनमें पर्यावरण संरक्षण की भावना को जगाने पर जोर दिया गया। यह समय जंगल में आग, वन्यप्राणियों के पेयजल स्त्रोतों में कमी, आवास और भोजन की कमी, मानव वन्यजीव संघर्ष के संभावित पहलुओं पर स्थानीय ग्रामीण समुदायों तथा अभ्यारण्य प्रबंधन के सहयोग और समंवय की दिशा में विशेष प्रयास है। जैसे शिव ने विष का पान कर दूसरों को अमृत दिया वैसे हि प्रकृति भी मनुष्यों द्वारा निर्मित विष का पान कर बदले में जीवन प्रदान करती है जिसे हमे संरक्षित करने की आवश्यकता है । अधीक्षक अभयारण्य श्री विकास माहोरे ने सभी आगंतुकों और स्थानीय निवासियों से आह्वान किया है कि वे महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर पर्यावरण के प्रति सकारात्मक कदम उठाएँ और वन्य प्राणी संरक्षण में अपना योगदान दें। अभयारण्य सदैव ग्रामीण जानो के हितों की रक्षा एवम आजीविका के अवसरों को बढ़ाने हेतु प्रतिबद्ध है जिस हेतु खिवनी वन स्टाफ ने खिवनी से उद्गम होने वाली बाल गंगा के पवित्र जल को कन्नोंद स्थित नर्मदेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर अर्पित किया जिसमे अधीक्षक खिवनी ने 50 किलोमीटर की यात्रा को साइकिल चल कर पार की । अभ्यारण्य के अधीक्षक, परिक्षेत्र अधिकारी एवम अन्य अभ्यारण्य स्टाफ का ग्राम पटरानी, ककड़दी, सातल-कोलारी, भिलाई के जनप्रतिनिधियों एवम वन समिति के सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया एवम वन संरक्षण की प्रतिबद्धता जाहिर की