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बनारस हो या मुजफ्फरपुर आशाग्राम के पुनर्वास संकल्प की जद से नहीं है दूर

 बड़वानी से धर्मेंद्र चौहान की रिपोर्ट

आशा आश्रय के द्वारा दो वर्ष में 27 मनो रोगियो का हुआ है पारिवारिक पुनर्वास

बड़वानी 10 मार्च 2024/ जहां चाह वहां राह विगत 5 वर्षों से उत्तर प्रदेश बनारस के ग्राम घानी पोस्ट अय्यर तहसील सदर जिला वाराणसी के रहने वाले तीस वर्षीय नारायण मनो दशा खराब होने के कारण अपने घर से निकल गए थे। परिजनों के द्वारा सभी दूर खोज लेने के बाद भी अपने पुत्र का पता लगाने में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई।

उक्त मनोरोगी जब आशाग्राम ट्रस्ट द्वारा चौकसी वाला ज्वेलर्स के समन्वय से संचालित निराश्रित मानसिक रोगियों के आशा आश्रय गृह के स्वयं सेवकों के संपर्क में आया बस वहीं से उसके चिकित्सकीय पुनर्वास की शुरुआत हो गई। आशाग्राम ट्रस्ट में जिला चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राहुल पाटीदार के द्वारा मरीज को सतत उपचार एवं काउंसलिंग प्रदान की गई वही आशा आश्रय के श्री समाधान पाटील एवं श्रीमती साधना भावसार के द्वारा ममत्व भरे स्वावलंबन एवं समन्वय से परिपूरित परामर्श सेवाओं के माध्यम से बहुत जल्द उसे ठीक करने में सफलता प्राप्त की तथा जैसे ही उसने अपने निवास स्थान के बारे में थोड़ी सी जानकारी दी। जिस पर श्री पाटिल के द्वारा पूरी जानकारी निकाल कर उसके पारिवारिक पुनर्वास का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया।

इस कार्य में आशा ग्राम ट्रस्ट के प्राकृतिक परिवेश एवं सभी सेवा कार्यों में मनोरोगियों को भी बराबर भागीदारी प्रदान करने से मरीजों में पुनः आत्मविश्वास का संचार हो रहा है। आज बड़वानी थाना प्रभारी श्री दिनेश सिंह कुशवाह एवं आशाग्राम ट्रस्ट के न्यासी एवं आशा आश्रय गृह के संचालक श्री राजेंद्र चौकसी एवं प्रवीण चौकसी की उपस्थिति में बनारस से आए परिजनों के सुपुर्द किया गया।

उत्तर प्रदेश बनारस से आए नारायण के परिजनों ने आशाग्राम ट्रस्ट के महान सेवा कार्य के प्रति आभार व्यक्त कर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके पूर्व बिहार मुजफ्फरपुर भी एक मनो रोगि को पुलिस प्रशासन की सहभागिता से भेजा गया है।इस दौरान आशाग्राम ट्रस्ट के कार्यकर्ता एवं पुलिस विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Author: liveindia24x7

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