संवाददाता – अनमोल राठौर
नर्मदापुरम जिले में सतपुडा की वादियों में महादेव की महिमा अपरंपार है मध्यप्रदेश एवं जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढी जिसे महादेव की नगरी भी कहा जाता यहाँ महादेव का मेला भी लगता है, ऐसे ही सतपुडा की पहाड़ियों में प्रकृति के अदभुत नजारों के बीच तिलक सिंदूर नाम की एक पवित्र स्थान है जहां पर महादेव का मंदिर है। पहाड़ों के बीच स्थित मंदिर में मौजूद शिवलिंग का तिलक सिन्दूर से होता है, जो दुनिया में के मात्र यहीं है ।
तिलक सिन्दूर जगह के बारे में स्थानीय लोगों एवं पुजारी द्वारा बताया जाता है पूर्व काल मे यहां सिंदूरी नाम का राक्षस रहता था जिसका वध श्री गणेश जी ने किया था इसका खून सिन्दूर रंग का निकला गणेश जी ने उसके सिंदूरी खून से शिवजी का प्रथम अभिषेक इसके सिंदूरी खून से किया था इस लिए इस का नाम तिलकसेंदुर पढा, इस जगह को पूर्व से ही आदिवासियों द्वारा पूजा जा रहा है उस जगह के पूजन करने वाले पुजारी ने बताया कि इस जगह को हमारे पूर्वजों द्वारा बताया है की यह स्थान उन्हें उनकी आदिवासी समूह को जंगल मे मिला था तभी से ये सभी इसकी पूजा पाठ हम लोग करते आ रहे हैं इस जगह भरता है महाशिवरात्रि पर मेला जिसकी सम्पूर्ण देखरेख यहाँ की समिति ही करती है नर्मदापुरम जिला प्रशासन द्वारा समिति से बात की गई है जल्द ही इसका प्रपोसल बनाकर मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को दिया जाएगा ताकि इस जगह पर धार्मिक पर्यटन की गतिविधियां बढ़ाई जा सके ।
तिलक सिन्दूर तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग से भोपाल पहुंचकर सड़क मार्ग के माध्यम से वहां पहुंचा जाता है नर्मदापुरम से 32 किलोमीटर इटारसी से मात्र 16 किलोमीटर ओर भोपाल से 110 किलोमीटर पर इन स्थानो से तिलकसेंदुर तक आसानी से स्वयं के एवं किराये के साधनों से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
तिलकसेंदुर के नजदीकी पर्यटन स्थल नर्मदापुरम का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल विश्व प्रसिद्ध नर्मदा जी का सेठानी घाट,पचमढ़ी, मढ़ई,जैसे अन्य पर्यटन भी मौजूद है यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए एक नया पर्यटन भी मिल सकेगा साथ ही होगा क्षेत्र का विकास मिलेगा लोगो को रोजगार।