लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव का टनाटन-टनाटन, खटाखट-खटाखट, फटाफट-फटाफट और सफाचट-सफाचट वाला बयान खूर फेमस हुआ था। यह सोशल मीडिया पर इतना अधिक ट्रेंड करने लगा था कि इसपर कई मिम्स बन गए थे। ये बयान तेजस्वी ने बीजेपी के खिलाफ दिए थे।
वहीं चुनाव परिणाम के बाद तेजस्वी यादव की राजद पार्टी ही सफाचट हो गई है। 40 सीटों वाले बिहार में राजद ने इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए। पूरे बिहार में घूम-घूमकर जबरदस्त प्रचार किया। राज्य में मछली-संतरा की खूब पॉलिटिक्स हुई। इसके बावजूद चुनावी नतीजों में आरजेडी को 23 में से केवल 4 सीट पर ही जीत हासिल हुई। आरजेडी का स्ट्राइक रेट इस बार के चुनाव में बिहार में सबसे खराब केवल 17 फीसदी ही रहा।
आरजेडी ने इस बार पाटलिपुत्र, जहांनाबाद, औरंगाबाद और बक्सर लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। पाटलिपुत्र से मीसा भारती, जहांनाबाद से सुरेंद्र यादव, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और बक्सर से सुधाकर सिंह ने आरजेडी की लाज बचाई। आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी से भी ज्यादा खराब प्रदर्शन केवल दो पार्टियों ने किया- CPI और CPM, जिन्होंने बिहार में एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था और दोनों जगह पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बीजेपी और जेडीयू ने 12-12 सीटें जीती
बता दें कि बिहार की 40 सीटों में राष्ट्रीय जनता दल ने 23, कांग्रेस ने 9, लेफ्ट ने 5 और मुकेश सहनी की पार्टी VIP ने तीन सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे। इनमें आरजेडी के चार, कांग्रेस के तीन, लेफ्ट के दो सीटों पर जीत हासिल की। वहीं बीजेपी और जेडीयू ने 12-12 और चिराग पासवान की एलजेपी ने पांच सीटें जीती हैं