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16 दिस. से 14 जनवरी तक मां गोदाम्बा जी की होगी वैष्णव परिवारों में विशेष होगी पूजा अर्चना

धनुर्मास उत्सव आज से प्रारंभ

सतना श्री रामानुज वैष्णव मंडल के व्यवस्थापक बद्री प्रसाद गुप्ता ने बताया कि 16 दिसम्बर से 14 जनवरी तक चलने वाले व्रत धनुर्मास व्रत को सभी वैष्णव परिवारों में लोग सुबह 4 बजे उठ कर जगत पिता भगवान विष्णु का अवतार स्वामी रंगनाथ और जगत जननी मां लक्ष्मी का अवतार मां गोदांबा जी की विशेष पूजा होती है, श्रीगुप्ता ने बताया कि व्रत पूजा विधि भारत के दक्षिण भाग में यह तीस दिवसीय त्यौहार विस्तार से मनाया जाता हैं. धनुर्मास तीस दिनों का त्यौहार होता है, जिसमे खासतौर पर भगवान विष्णु की उपासना की जाती हैं. यह त्यौहार खासतौर पर दक्षिण भारत में मनाया जाता हैं. भक्ति के भाव को जगाने के लिए इस महीने में धार्मिक कर्मो के अलावा अन्य कार्यो जैसे शादी मुंडन आदि को करना निषेद माना जाता है. जिससे मनुष्य का मन विचलित न हो और वो पुरे मन से ईश्वर उपासना करें. इस प्रकार पुराणों के अनुसार इन दिनों शादी की कोई उपयुक्त तिथी नहीं निकलती. भगवान वैकुंठ नाथ की पूजा का महत्व होता है, इसलिए इन दिनों में आने वाली एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी कहा जाता हैं इस दिन का धनुर्मास ने सर्वाधिक महत्व होता हैं.
कब मनाया जाता हैं धनुर्मास
धनुर्मास तीस दिनों का त्यौहार है, जो कि मध्य मार्गशीर्ष से शुरू होकर मध्य पौष में खत्म होता हैं. इस प्रकार यह 16 दिसम्बर से शुरू होकर 13 जनवरी को खत्म होगा. यह मास मकर संक्रांति पर खत्म होता हैं. जब सूर्य धनु राशी में प्रवेश करता है, तब धनुर्मास का प्रारंभ होता है, जिसे धनु संक्रांति कहते हैं.
जब सूर्य कर्क रेखा से उत्तर की तरफ बढ़ता हैं और मकर राशी में प्रवेश करता हैं तब उत्तरायण होता है और इसके विपरीत दक्षियायण होता हैं. अर्थात धनुर्मास उत्तरायण के समय होता हैं.
धनुर्मास को धनुमास, चाप मास, कोदंडा मास, कार्मुका मास भी कहा जाता हैं. धनु का अर्थ धनुष से होता हैं. अतः इसे शून्य मास भी कहा जाता हैं.।

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Author: liveindia24x7

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