महाराष्ट्र में सोलापुर जिले का एक किसान 70 किमी दूर प्याज बेचने गया था, लेकिन उसकी 512 किलो प्याज सिर्फ 1 रुपए प्रति किलो के भाव से खरीदी गई। इस तरह किसान को अपनी फसल के लिए 512 रुपए मिले, जिसमें फसल को बाजार तक पहुंचाने का भाड़ा हटाने के बाद उसे 2 रुपए का चेक दिया गया। व्यापारी का कहना है कि किसान के प्याज की क्वालिटी खराब थी।
70 किमी दूर प्याज बेचने गया था किसान
सोलापुर जिले के बरशी तालुका के बोरगांव में रहने वाले 58 साल के राजेंद्र तुकाराम चव्हाण प्याज की खेती करते हैं। वे 17 फरवरी को फसल की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में 512 किलो प्याज लेकर सोलापुर बाजार पहुंचे थे, जो किसान के घर से 70 किमी दूर है।
मगर यहां APMC (एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) व्यापारियों ने उनकी फसल को खराब क्वालिटी का बताया। काफी कोशिश करने के बाद भी जब राजेंद्र तुकाराम को फसल की सही कीमत नहीं मिली तो आखिर में उन्होंने फसल 1 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच दी।
व्यापारी ने किसान को थमाया 2 रुपए का चेक
राजेंद्र तुकाराम ने बताया कि मुझे फसल के बदले 512 रुपए मिले थे, जिसमें से 509.50 रुपए बाजार तक फसल पहुंचाने का किराया और लोडिंग के एवज में काट लिया गया। इसके बाद 2.49 रुपए बचे, इसलिए व्यापारी ने राजेंद्र को 2 रुपए का चेक थमा दिया। अब इससे जुड़े वीडियो और चेक की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
किसान ने कहा- ₹40 हजार में तैयार हुई फसल
राजेंद्र बताते हैं कि पिछले साल उन्हें प्याज के लिए 20 रुपए किलो का भाव मिला था। बीज, खाद और कीटनाशकों की कीमत पिछले 3-4 सालों में दोगुनी हो गई है। इस बार केवल 500 किलो प्याज उगाने के लिए करीब 40 हजार रुपए खर्च हुए थे।
प्याज खराब क्वालिटी का था: व्यापारी
किसान से प्याज खरीदने वाले सोलापुर APMC के व्यापारी नासिर खलीफा ने बताया कि राजेंद्र के प्याज की क्वालिटी खराब थी। इससे पहले वे दो खेप में अच्छी क्वालिटी के प्याज लाए थे, तो हमने उन्हें एक बार 18 रुपए किलो और दूसरी बार 14 रुपए का भाव दिया था।
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MP में प्याज-लहसुन 50 पैसा किलो, मंदसौर से इंदौर तक गिरे रेटलहसुन के बाद अब प्याज की कम कीमत भी मालवा-निमाड़ सहित मध्यप्रदेश के किसानों को रुलाने लगी है। मंडियों में प्याज 50 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो खरीदा गया। मध्यप्रदेश की मंडी में 10 से 20 अगस्त तक 4 लाख 38 हजार 962 क्विंटल प्याज आया। इन 10 दिन में सिर्फ दो दिन 18 और 20 अगस्त को ही किसान 1 लाख से ज्यादा बोरी प्याज लेकर मंडियों में पहुंचे।