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बजट सत्र:हड़ताली कर्मियों पर विपक्ष का स्थगन, नारेबाजी और हंगामा; भाजपा ने शून्यकाल में उठाया कर्मचारियों का मामला

विधानसभा में शुक्रवार को प्रदेश में आंदोलन कर रहे लाखों कर्मचारियों के मुद्दे पर शून्यकाल में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों को सुनने के बाद उपाध्यक्ष ने स्थगन को अग्राह्य कर दिया। इस पर सदन के अंदर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए सदन को एक बार स्थगित भी करना पड़ा। दरअसल, भाजपा ने कर्मचारियों के नियमितिकरण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाने समेत 12 बिंदुओं पर सदन में काम रोको प्रस्ताव पेश किया। भाजपा सदस्यों ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की।

भाजपा सदस्यों का कहना था कि राज्य सरकार जनघोषणा पत्र को 2019 में राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल कर चुकी है। ऐसे में जबकि प्रदेश के 5 लाख से अधिक कर्मचारी आंदोलनरत हैं, सरकार को काम रोककर इस पर चर्चा करानी चाहिए। उपाध्यक्ष संतकुमार नेताम ने स्थगन की सूचना देने वाले सभी विधायकों को बारी- बारी से बोलने का मौका दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी व्यवस्था देते हुए इसे अग्राह्य कर दिया। इस पर विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामे को देखते हुए उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

दरअसल, बजट सत्र के तीसरे दिन भाजपा ने सदन में 12 बिंदुओं का स्थगन प्रस्तुत किया। उपाध्यक्ष नेताम ने अपनी व्यवस्था में कहा कि बजट सत्र में सामान्यत: स्थगन पर चर्चा नहीं की जाती है। बजट के दौरान कई अवसरों पर सदस्यों को बोलने का अवसर मिलता है, उस समय वे अपनी बात रख सकते हैं।

विधानसभा में सबसे पहले भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने स्थगन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता की स्थिति है 140 दिनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षाकर्मियों की विधवाएं हड़ताल पर हैं। महिलाओं ने सिर भी मुड़वा लिया। 40 दिन से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं। आंगनबाड़ी में ताला लगा है।

कांग्रेस ने नियमितिकरण का वादा किया था। सभी कर्मचारी संघ आंदोलित हैं, उनसे बातचीत होनी चाहिए। स्थगन को स्वीकार कर चर्चा करानी चाहिए। जोगी कांग्रेस विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6500 मिलता है। सहायिकाओं को 3200 मिलता है। दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में इनको क्रमश: 10 हजार और 6000 मिलता है। यहां भी इनका वेतन बढ़ाया जाना चाहिए।

भाजपा ने कहा- स्थगन 5 लाख कर्मचारियों का प्रतिबिंब
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि 138 दिन 4 महीना 8 दिन हो गया, शासन प्रशासन ने हड़तालियों की सुध नहीं ली। आंगनबाड़ी बंद है, बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल रहा है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 5.65 लाख कर्मचारी आंदोलनरत है। धरना प्रदर्शन के लिए उनको 4 किलोमीटर दूर भेज दिया गया।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को मुंडन कराना पड़े ये दुःखद है। सरकार ने कहा था कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करेंगे, लेकिन नहीं कर सके। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा, 14500 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रकिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

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Author: liveindia24x7

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