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छत्तीसगढ़िया ओलंपिक पर मंत्री को घेरा:जमकर हंगामा मंत्री बोले; 26 लाख लोग हुए शामिल, ऐसा पहली बार हो रहा; बधाई दे विपक्ष

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप हुए। भाजपा सदस्यों ने सरकार के मंत्रियों पर प्रश्नकाल को डिस्टर्ब करने का आरोप लगाया। दरअसल, प्रश्नकाल में छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेल को लेकर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया। जोगी कांग्रेस विधायक रेणु जोगी के प्रश्न में आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मौजूदगी में ही वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया।

इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आपत्ति करते हुए, इस पर आसंदी से व्यवस्था की मांग की। उपाध्यक्ष ने विपक्ष की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाया जा सकता। बृजमोहन ने शून्यकाल में उठाते हुए आसंदी से व्यवस्था देने की मांग की। दरअसल, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में खेलों की संबद्धता और नौकरी में खिलाड़ियों को आरक्षण के मुद्दे पर अजय चंद्राकर ने खेल मंत्री उमेश पटेल को घेरने की कोशिश की। उन्होंने पूछा कि कितने खेलों को राज्य ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता दी गई। क्या विजेता खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलेगा?

खेल मंत्री पटेल के समर्थन में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने विपक्ष पर छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। मंत्री अमरजीत भगत ने विपक्ष के सदस्यों पर अनर्गल बातें करने का आरोप लगाया। इस पर विपक्ष ने नाराजगी जताई।

पटेल ने कहा- चयन की कोई बाध्यता नहीं, सभी को मिला मौका

खेल मंत्री उमेश पटेल ने आयोजन को सफल बताते हुए कहा कि 26 लाख लोगों ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ की जनसंख्या का दस प्रतिशत इस अयोजन से जुड़ा। खेल के लिए बधाई देने के बजाए सवाल पूछे जाने पर खेल मंत्री ने आपत्ति जताई। खेल मंत्री ने कहा, चयन को लेकर कोई बाध्यता नही थी, टीम आने पर उनको ब्लाक स्तर की प्रतियोगिता में मौका दिया गया है।

चौबे ने कहा- शब्दों की गरिमा और मर्यादा विपक्ष को भी रखनी चाहिए
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 18 साल हम भी प्रतिपक्ष में रहे है। दोनों पक्षों की जवाबदारी है। आप आसंदी में बैठे है। शब्दों की मर्यादा क्या केवल हमारे लिए है, यह सभी की जवाबदारी है। शब्दों की गरिमा और समय की मर्यादा आपको भी रखनी चाहिए। आरोप लगाकर और नारेबाजी कर प्रतिपक्ष को जीवित रखना चाहते है तो यह गलत है।

जांजगीर में मेडिकल कॉलेज पर सीएम बोले- सर्वसम्मति से पास कर दिया जाए

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने जिला मुख्यालय जांजगीर-चांपा में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का अशासकीय संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की थी। विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर चुके हैं तो संकल्प को वापस ले लें। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र की नीति है कि हर लोकसभा में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। सीएम की घोषणा भी है इसलिए इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जनवरी 2021 में सीएम ने मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। नवंबर 2022 में कुटरा में जमीन चिन्हांकित कर लयिा गया है। इसे निर्धारित मापदंड का भी पाया गया है। अब इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए इस संकल्प को वापस ले लें।

बृहस्पति सिंह ने कहा कि सब कुछ हो चुका है सिर्फ क्रेडिट लेने के लिए चंदेल जी ऐसा कर रहे हैं। इस बीच उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने विधेयक अस्वीकृत कर दिया जिसके बाद चंदेल ने डिवीजन मांगा। वहीं विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में कुछ बोलने का आग्रह किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि प्रक्रिया जारी है। एक-दो दिन की बात है यह मामला आगे बढ़ जाएगा फिर भी यदि सदस्यों की इच्छा के मुताबिक इसे अशासकीय संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया जाए।

पनिका को अजजा में शामिल करने का संकल्प केन्द्र को भेजेगी राज्य सरकार

कांग्रेस विधायक डाॅ. विनय जायसवाल ने अशासकीय संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा, पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का संकल्प केन्द्र सरकार को भेजा जाए। इस पर आदिम जाति कल्याण मंत्री डाॅ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि लगातार इस तरह की मांग समाज की ओर से आती रही है। इसलिए सदन चाहता है कि इसे एसटी में शामिल करने केन्द्र सरकार के पास भेजा जाए। संगीता सिन्हा ने इसका समर्थन किया। इसी तरह पुन्नूलाल मोहले औैर केशव चंद्रा ने भी इस संकल्प के पक्ष में अपनी बात रखी।

भाजपा विधायकों पर नाराज हुए चंद्रा

शून्यकाल में बसपा विधायक केशव चंद्रा विपक्षी सदस्यों पर नाराज हो गए। दरअसल आसंदी की तरफ से बसपा विधायक केशव चंद्रा का नाम पुकारा गया, लेकिन भाजपा सदस्य बोलते ही रहे। इस पर केशव चंद्रा ने नाराजगी जताई। इस पर बृहस्पत सिंह ने कहा, विपक्ष के विधायक आदिवासियों का अपमान करने वाले लोग है। 90 लोगों के सदन में केवल 4 लोगों ने ठेका ले रखा है क्या।

आरक्षण विचाराधीन, अभिभाषण में शामिल करने पर आपत्ति

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने चर्चा की शुरुआत की। इससे पहले ही भाजपा विधायक अजय चंद्राकर औैर बृजमोहन अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण की कंडिका 43 जिसमें नौकरी में एससी,एसटी, आेबीसी को आरक्षण देने की बात कही गई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो मामला राजभवन में लंबित है उसे अभिभाषण में कैसे शामिल किया जा सकता है।

उन्होंने पूछा कि क्या विचाराधीन विषय को लाया जा सकता है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। यह विधानसभा की प्रापर्टी है। उसे राज्यपाल के दस्तखत के बिना अभिभाषण में सामिल करना संसदीय परंपरा का अपमान है।

इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की उपलब्धियों का प्रतिबिंब होता है। विधेयक सदन में सर्वसम्मति से पारित हुआ है। यदि इसे अभिभाषण में शामिल किया गया है तो यह गलत नहीं है। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि राज्यपाल के पास मामला विचाराधीन है औैर उन्हीं से इसे पढ़वा रहे हैं।

टीएस सिंहदेव ने कहा- केंद्र सरकार ने माना तो बिलासपुर में खुलेगा एम्स

प्रश्नकाल में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने बिलासपुर में एम्स खोलने का मुद्दा उठाया। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार की तरफ से चिट्ठी भेजी गई है। अगर केंद्र ने राज्य सरकार के अनुरोध को मांग लिया तो अगला एम्स बिलासपुर में खुलेगा। बता दें कि सत्ता पक्ष के विधायक के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष चंदेल व धरमजीत सिंह समेत पूरा विपक्ष एकजुट नजर आया।

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Author: liveindia24x7