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लॉकडाउन में नौकरी छूटी..यूट्यूब से सीखकर छापने लगा नकली नोट:इंदौर के खेरची व्यापारियों में चलाता रहा; कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी…

नकली नोट छापने के मामले में आरोपी युवक को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लॉक डाउन में नौकरी छूटने पर युवक ने यू-ट्यूब से नकली नोट छापने का तरीका सीखा और घर पर ही स्कैनर, प्रिंटर की मदद से 100, 500 और 2 हजार के जाली नोट छापने लगा।

उसके पास से 2 लाख 53 हजार 100 रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे। कुछ जाली नोट वो सब्जी मंडी, ठेलेवालों और शराब दुकान पर चला चुका था। करीब 2 साल पहले पकड़े गए आरोपी को कोर्ट ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ये इंदौर में पहला मामला माना जा रहा है। जब नकली नोट छापने पर आरोपी को उम्र कैद की सजा हुई है।

सिलसिलेवार जानिए क्या है पूरा मामला…

9 जून 2021 को थाना काइम ब्रांच इंदौर के उपनिरीक्षक लोकेन्द्र सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि राजरतन तायडे निवासी आजाद नगर नकली नोट छापने का कारोबार कर रहा है। मुखबिर ने बताया था कि राजरतन 100, 500 व 2000 रुपए के नकली नोट लेकर सुबह 11:30 से 12 बजे के आसपास नकली नोटों का बंडल लेकर किसी को देने जाने वाला है।

मुखबिर ने राजरतन के जामुनी रंग की टीवीएस रेडिऑन मोटरसाइकिल नंबर एमपी09वीएम5336 से राजकुमार सब्जी मंडी में गणेश मंदिर के पास काले रंग के स्कूल बैग में नकली नोटों का बंडल लेकर आने की सूचना भी क्राइम ब्रांच को दी थी।

इसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंची। करीब 10 मिनट इंतजार करने के बाद मुखबिर द्वारा बताए हुलिए का व्यक्ति भंडारी ब्रिज की तरफ से जामुनी रंग की मोटरसाइकिल से आया और कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद अपनी पेंट की जेब से रुपए निकालकर देखने लगा। उसे टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा। नाम-पता पूछने पर उसने अपना नाम राजरतन तायडे, उम्र 26 साल निवासी आजाद नगर इंदौर बताया।

आरोपी के पास से जब्त हुए नकली नोट के बंडल।
आरोपी के पास से जब्त हुए नकली नोट के बंडल।

तलाशी लेने पर उसकी पेंट की जेब से 100 रुपए के नोट का एक बंडल मिला। इसमें सभी नोटों का एक ही नंबर था। उसकी पीठ पर टंगे हुए बैग की तलाशी लेने पर उसमें 100 रुपए के नोटों के दो बंडल, जिसमें एक बंडल में 52 और दूसरे बंडल में 62 नोट मिले थे। इसके अलावा 500 रुपए और 2 हजार रुपए के नकली नोट के अलग-अलग बंडल भी राजरतन के पास से मिले, उनकी सीरीज नंबर भी एक थे।

इस तरह उसके कब्जे से कुल 2 लाख 53 हजार 100 रुपए, एक बाइक और लैपटॉप बैग पुलिस ने जब्त किया और आरोपी के खिलाफ धारा 489-क 489-ग 489-घ एवं 489-ई के तहत केस दर्ज किया। उक्त धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

आरोपी राजरतन ने पुलिस को बताया कि वह अखिल राज हॉस्पिटल के सामने हक मस्जिद की गली आजाद नगर इंदौर में लियाकत अली के मकान में किराए से रहता है। इसके बाद उसके घर से लैपटॉप, पैन ड्राइव, एक प्रिंटर, एक मोटा कांच, एक स्लाइड कटर, 100 रुपए के तीन असली नोट, 500 रुपए के तीन असली नोट, 2 हजार रुपए के तीन असली नोट भी जब्त किए गए।

आरोपी असली नोट की मदद से स्कैनर और प्रिंटर के जरिए नकली नोट तैयार करता था। कुछ एक तरफ छपे हुए नकली नोट, नोटों की कतरन भी घर से बरामद किए गए। नकली नोटों की जांच भी देवास बैंक नोट प्रेस से करवाई गई।

इस तरह स्कैन कर आरोपी बनाता था नकली नोट।
इस तरह स्कैन कर आरोपी बनाता था नकली नोट।

लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो यूट्यूब से सीखा नकली नोट छापना

पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई की आरोपी 12वीं तक पढ़ा है। लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यू-ट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। शुरुआत के 20 दिन वो नकली नोट छापने की प्रैक्टिस करता रहा।

पकड़ में आने के दो महीने पहले ही उसने नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी, शराब दुकान, ठेले वालों को वो नकली नोट चला देता था। सौ रुपए के नोट आसानी से चल जाते थे। किसी को कोई शक भी नहीं होता था। इसलिए सौ के नोट उसने ज्यादा छापे थे।

वहीं आरोपी राजरतन के विरुद्ध खुड़ैल में मारपीट, कनाड़िया में अवैध वसूली और चंदन नगर थाना में ट्रक चोरी के केस भी दर्ज हैं। आरोपी ने जुलाई 2019 में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को ‘आई एम योर गॉड फादर’ मैसेज कर धमकाया था। विधायक द्वारा नजर अंदाज करने पर उसने कॉल कर 50 लाख मांगे थे। उसने नर्मदा विकास प्राधिकरण के अफसर चैतन्य रघुवंशी से भी 25 लाख मांगे थे।

आरोपी को बचाने के लिए चार तक दिए

आरोपी को बचाने के लिए उनके वकील ने तर्क दिया कि

– गवाह पुलिसकर्मी लोकेंद्र सिंह ने ही एफआईआर दर्ज की है और उसी ने जांच की है। ऐसे में पुलिस की कहानी संदिग्ध बन जाती है।

– जांच रिपोर्ट जारी करने वाले अधिकारी के बयान के अभाव में उसे प्रमाणित होना नहीं माना जा सकता।

– सभी गवाह पुलिसकर्मी हैं। ऐसे में उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

– लोकेंद्र सिंह ने आरोपी को नकली नोट चलाते और छापते हुए नहीं देखा है। ऐसे में आरोपी को दोषमुक्त करते हुए छोड़ दिया जाए।

ऐसे खारिज होते गए सारे तर्क

इसके जवाब में कोर्ट में अपर लोक अभियोजक हेमंत राठौर ने ये तर्क दिया कि आरोपों को मौके पर ही बड़ी मात्रा में जाली नोटों के साथ पकड़ा गया है। पूरी टीम मौके पर गई थी। आरोपी की पेंट की जेब और उसके पास मौजूद बैग से ही नकली नोट जब्त हुए। ऐसे में विवेचना में गड़बड़ी का आरोप निराधार है।

जब कोर्ट ने आरोपी माना तब वकील ने कहा सजा कम हो

आरोपी को बचाने के लिए वकील ने कहा कि आरोपी का यह पहला अपराध है। आरोपी के परिवार में अन्य कोई कमाने वाला सदस्य नहीं है। ऐसे में आरोपी को सजा देने में उदारता बरती जाए। लेकिन सरकारी वकील ने जवाब में कहा कि जिस तरह आरोपी ने बड़ी मात्रा में जाली नोट तैयार कर उन्हें अपने पास रखा। आरोपी का ये कृत्य भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट है और विपरित प्रभाव डालने वाला है। लिहाजा आरोपी को कठोर दंड से दंडित किया जाए। जिसके बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह की कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

जिला एवं सत्र न्यायालय इंदौर।
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Author: liveindia24x7

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