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अमरावती मार्ग पर 11 एकड़ कृषि भूमि पर प्लाट काटने के मामले में 5 को नोटिस,अंतिम तारीख को नही हुए उपस्थित,कार्यवाही का सबको इंतजार

कृषि भूमि पर धड़ल्ले से बिछाई जा रही काॅलोनियां,छूटभैया नेताओ को भु-माफियाओं से मिलती है 1-2 पर्सेंट की दलाली

नवगठित पांढुरना जिला बनते ही शहर की चारो दिशाओ में ले-आउट बिछाने का खेल चल रहा है। जहां शहर के छूटभैया नेता 1-2 पर्सेंट की दलाली के चक्कर मे किसानों की उपजाऊ जमीन को सस्ते दाम पर खरीदकर बाहरी क्षेत्रो के भू-माफियों को पलटाकर मोटी रक्कम वसूलने में लगे है,जिसके चलते शहर में अनेक भूमाफियाओं ने अपना डेरा डाल रखा है, जिन्हें नगर के छूटभैय्या नेताओ के दम पर शहर के आस पास की उपजाऊ जमीन को खरीदकर जमीन के प्लाट काटकर बेचने का कारोबार तेजी से संचालित हो रहा है। शहर के अमरावती मार्ग, भोपाल मार्ग, नागपुर मार्ग, साई मंदिर एरिया के साथ आस-पास के वार्डो से लगी उपजाऊ भूमि को सस्ते दाम में खरीदकर, भू-माफिया ध्वरा अवैध रूप से खेती की जमीन पर प्लाट काटकर दलालों में माध्यम से बेचा जा रहा है।

पांढुरना नगर में जिस प्रकार जनता की भक्ति का झुकाव अधिक होता है,भु-माफिया भी भक्ति के अनुरूप अपने ले-आउट का नाम लिखवाकर आस्था अनुरूप भव्य मंदिर निर्माण का प्रलोभक्त देकर भोली-भाली जनता को सुनहरे सपने दिखाकर प्लाटिंग का कारोबार चला रहे है। खास बात यह है कि कृषि भूमि को बेचने हेतु लोन,डाउन पेमेंड,फ्री के नाम पर जमीन तो बेच देते है। परन्तु सालो-साल ना तो बिजली के खम्बे खड़े होते है, ना पानी की टंकी, ना नाली, ना पार्क, ना रोड, ना मंदिर का निर्माण होता है,जिसका खामियां वोट के चक्कर मे नगर पालिका के कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है, जिसका उदारण नगर में पूर्व में भु-माफिया द्वारा बिछाई गई कालोनियों में देखने मिलता है। इतना सब हो जाने पर पर भी आखिर भक्ति के सुविधा के प्रलोभन के चक्कर में भोली भाली जनता को आखिर में पछताना ही पड़ता है। लेकिन स्थानीय प्रशासन अब तक ऐसे भू-माफियाओं की जानकारी तक नहीं लगा पा रहा है। ऐसा ही मामला नगर के अमरावती मार्ग पर शिव मंदिर के सामने 11 एकड़ की उपजाऊ उपजाऊ भूमि पर अवैध रूप से लेआऊट बिछाकर प्लॉट्स बेचने के मामले सामने आया,जिसकी जानकारी अनुविभागीय अधिकारी के सज्ञान में आते ही,जमीन धारक द्वारा कृषि भूमि को ले-आउट में परिवर्तित करने के मामले में लिप्त पांच लोगों को एसडीएम द्वारा नोटिस जारी कर 23 नवंबर को अनुविभागी न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब हेतु निर्देशित किया था,लेकिन जिन पांच भूमि धारक को नोटिस जारी हुआ था,उन से एक भी 23 नवम्बर को उपस्थित नहीं हुआ, सूत्रों की माने तो शाम लगभग 5 बजे एक युवक द्वारा कार्यालय पहुंच नोटिस संबंध मैं एक दस्तावेज जमा करने की बात सामने आ रही है,परन्तु दूसरे दिन भी इसकी कोई पुष्टि नहीं हो सकी।जब कि इस मामले में सभी नगर वासियो की निगाहें नोटिस अनुसार भूमि धारक पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाहीं होगी, इस ओर जनता की निगाहें टिकी है।जब कि नोटिस में स्पस्ट रूप से उल्लेखित है कि नगर के अमरावती मार्ग पर शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के सामने 11 एकड़ कृषि उपजाऊ भूमि पर अवैध रूप से लेआऊट बिछाने वाले पांच लोगों को कार्यालयीन समय पर उपस्थित होकर जवाब नहीं देने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाहीं करने की भी हिदायत दी गयी थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो गुरूवार 23 नवंबर को सुबह से लेकर शाम तक एसडीएम कार्यालय में पांच भूमि धारको में से एक भी उपस्थित नहीं हुआ, कृषि उपजाऊ भूमि पर अवैध रूप बिना किसी पुख्ता दस्तावेजों के भूखंड़ पर प्लाट्स बेचने वालों पर क्या कार्यवाहीं कि जायेगी ? इस और सभी कि निगाहें लगी हुई है ।परन्तु नोटिस जारी होने पर भी कोई उपस्थित नहीं होना यह भु-माफिया ओर शाषन के जिम्मेदार कर्मचारियों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो सकता है। जब कि शहर के चारो दिशा में ले आउट बिछाने का खेल जारी है,जहा प्लाट बेचने वाले छूट भैया दलालों का बड़ा तबका शहर की भोली-भाली जनता को बड़े-बड़े प्रलोभन दिखाकर प्लाट में छूट के नाम पर बेचने में लगे है। जब कि अनुविभागीय अधिकारियों के केबिन में दिन भर कोई दलाल आता-जाता नही उसके बावजूद भू-माफियाओं द्वारा जिम्मेदार अधिकारि को छोड़ अधिकारियों के नीचे के कर्मचारियों में से ही कोई मध्यस्ती बनकर सारे मामले सेट कर लाखो करोड़ो के वारे – न्यारे लगाने का कार्य किया जा रहा,जिस प्रकार नव गठित जिला बनने के पूर्व से ही भू-माफियाओ द्वारा ले-आउट के नाम पर दलालों के माध्यम से प्लाटिंग बेचने का सिलसिला जारी है,परन्तु समझ से यह परे है कि शासन ध्वर भूखण्ड खरीदी बिक्री के नियम कानून बने है,उन नियम कानून को ताक पर रखकर युद्धस्तर पर कृषि भूमि को काटकर ले-आउट बिछाने का मामले सालो-साल से चल रहे है,परन्तु अवैद्य भू-माफियों पर कोई कार्यवाही होती नजर नही आ रही है। इसका अंदाजा लगाना आसान है,की साठ-गांठ के इस खेल में बड़े से छोटे तक सभी सेट है,जिसको देखते हुए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा ले-आउट के इस खेल को उजागर करने हेतु RTI के माध्यम से जानकारी निकालकर उच्च अधिकारियों तक भूखंड की जांच कराने का मन बना लिया है।

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Author: liveindia24x7

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