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क्या कमलनाथ अपना किला बचा पाएंगे क्या होगा इस बार कमलनाथ या कमल

फिर इस बार महाकौशल में चलेगा कमलनाथ का जादू या नही

मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव 17 नवंबर को कराया गया. चुनावी नतीजे 3 दिसंबर को होंगे घोषित क्या इस बार फिर अपने छिंदवाड़ा के गढ़ को बचा पाएंगे कमलनाथ 2018 में 7 कि 7 सीट पर विजय पाया था लेकिन इस बार सभी के एग्जिट पोल के अनुसार महाकौशल में ऊपर नीचे होते दिख रहा है लेकिन कांग्रेस कह रही है इस बार एक बार फिर कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ शानदार प्रदर्शन करते दिखेंगे साल 2018 के चुनाव की भांति उस बार भी महाकौशल इलाके में कमलनाथ का जादू बरकरार है महाकौशल में कांग्रेस फिर से बढ़त लेती नजर आ रही है महाकौशल में कांग्रेस और भाजपा बीच वोटों का अंतर भी तीन प्रतिशत का है जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की चाबी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है

सबसे पहले पूरे मध्य प्रदेश की बात की जाए तो कांग्रेस सत्ता में वापस आती दिख रही है कांग्रेस को 113 से 137 सीटें मिलती दिख रही है वहीं बीजेपी 88 से 112 सीटों पर सिमटती दिख रही है बीएसपी,समाजवादी पार्टी,आम आदमी पार्टी और निर्दलीयों को दो से आठ सीटें मिल सकती हैं सीधे मुकाबले में कांग्रेस को 44% और बीजेपी को 41% वोट मिलते नजर आ रहे हैं. 15% वोट अन्य के खाते में जा रहे हैं

छिंदवाड़ा में दिखा कमलनाथ का जादू 

यहां बताते चले कि इस चुनाव में कांग्रेस का सीएम फेस और पीसीसी चीफ कमलनाथ सूबे के महाकौशल इलाके के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं दरअसल,पिछले 40 सालों से छिंदवाड़ा जिले की चुनावी राजनीति में कमलनाथ का एक छत्र राज रहा है साल 2018 के चुनाव में भी कमलनाथ मैजिक के चलते कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 सीटें जीत ली थी

महाकौशल क्षेत्र की 42 सीटों में से कांग्रेस को 22 से 26 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह बीजेपी के खाते में 16 से 20 सीटें जाती दिख रही है शून्य से एक सीट अन्य को मिल सकती है वैसे महाकोशल में जबलपुर संभाग के आठ जिले जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी,नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट आते हैं इन आठ जिलों में 38 विधानसभा सीटें हैं सी-वोटर ने अपने एक्जिट पोल में दमोह जिले की चार सीटों को भी महाकोशल में शामिल किया है इस वजह से 42 सीटों के एक्जिट पोल में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस अपना पुराना प्रदर्शन दोहराते दिख रही है

यहा लगी थी बीजेपी को निराशा

दरअसल महाकोशल के परिणाम हमेशा ही चौकाने वाले रहे हैं साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को महाकोशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी इसकी बड़ी वजह आदिवासियों की नाराजगी मानी गईं थी कांग्रेस ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था इससे उनके गृह जिले छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थीं इसी तरह महाकोशल के एपिसेंटर जबलपुर जिले में भी कांग्रेस को 8 में से 4 सीट मिली थी साल 2018 में महाकोशल की कुल 42 विधानसभा सीटों दमोह भी शामिल में से 25 कांग्रेस के खाते में गई थी,जबकि बीजेपी को सिर्फ 15 सीट पर संतोष करना पड़ा एक सीट निर्दलीय और बीएसपी ने जीती थी

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Author: liveindia24x7

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