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जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन व महिला एवं बाल विकास विभाग

जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन व महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यकाम अधिकारी सुभाष जैन के मार्गदर्शन में केन्द्रीय सरकार द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर (सखी) धार जो कि किसी भी हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं के सहायता प्रदान करता है। सी. एम. हेल्पलाइन से (काल्पनिक नाम) 1. प्रिया के प्रकरण में शादी के माहा 7 दिनों बाद ही दहेज के लिए ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा। पति सौरभ (काल्पनिक नाम) द्वारा पत्नी पर चरित्र शंका की जाने लगी थी, इसी वजह से लड़ाई-झगड़ा मारपीट होने लगी। प्रार्थिया ने प्रताड़ना से आकर शिकायत शिकायत दर्ज करवाई। वन स्टॉप सेंटर द्वारा दोनों पक्षों की 3 से 4 बार काउंसलिंग की गई. प्रशासक-ज्योत्सना ठाकुर द्वारा प्रार्थिया से बात कर समझाया गया कि अभी शादी को बहुत कम समय हुआ है, रिश्तों को थोड़ा समय दे एक दुसरे को समझे फिर कोई फैसला ले काउंसिलिंग के दौरान दोनों पक्षों से बात कर काउंसलर चेतना राठौर द्वारा समझाया गया कि रिश्तों की अहमियत को समझे शादी अटूट बंधन है। अतः कोई भी फैसला इतनी जल्दी में ना करे, दोनों पक्षों को समझाने के बाद समझौता हो गया व दोनों पक्ष खुशी-खुशी साथ गये। 2. जनसुनवाई से प्राप्त आवेदन में सीता द्वारा अपने मित्र सोहन 4 साल लिव इन रिलेशन में रहने के बाद प्रार्थिया को छोड़ने व कार्यवाही करने पर धमकाने की शिकायत कि गई। शिकायत पर कार्यवाही कर दोनों पक्षों की काउंसिलिंग की गई, सोहन द्वारा सीता के साथ किये गये र्दुव्यवहार के बारे में बात की तो उसनें स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई है, और अब दोबारा वह प्रार्थिया के साथ ऐसा कोई व्यवहार नहीं करेगें व जल्दी ही उससे से शादी करेगें। इसी बात पर दोनों पक्षों का समझौता हो गया। 3. जनसुनवाई से प्राप्त प्रकरण में संजु द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई कि उनके देवर द्वारा उनके साथ लड़ाई कर बुरी तरीके से मारपीट की गई। अतः कार्यवाही की जावे वन स्टॉप सेंटर द्वारा दोनों पक्षों को काउंसिलिंग में बुलवाया गया। संजु के देवर से बात की गई तो बताया की संजु का पड़ोसी से झगड़ा हो रहा था। उस घर में वह शादी करना चाहते है और इसलिये उन्हे गुस्से में प्रार्थिया पर हाथ उठाया और उनसे गलती हुई। आगे से वह संजु के साथ कोई र्दुव्यवहार नही करेगें। उन्हें व उनके परिवार को किसी भी तरीके से परेशान नही करेंगे। दोनों पक्षों में सहमति होकर समझौता हुआ वन स्टॉप सेंटर की आरक्षक संतोषी कटारे, केस वर्कर अर्चना सेन, लीला रावत, सरिता चौहान द्वारा केस हिस्ट्री तैयार की गई।

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Author: liveindia24x7

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