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लालू परिवार में खुशियों के बीच आया समन:दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने जारी किया समन, लैंड फॉर जॉब मामले में CBI ने जुटाए कई सबूत

लालू प्रसाद सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट करवाकर भारत लौट चुके हैं। वे पहले से काफी स्वस्थ हैं। वहीं, तेजस्वी यादव जल्द पिता बनने वाले हैं। राजश्री प्रीग्नेंट हैं। यानी इस साल लालू परिवार में दो खुशियां में आने वाली हैं। लेकिन सीबीआई को ये खुशी रास नहीं आ रही। दरअसल, लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार पर 15 मार्च के लिए समन जारी किया हैं। इस समन से कहीं ना कहीं महागठबंधन को भी फर्क पड़ेगा। हालांकि लालू परिवार को इस तरह की परेशानियों को झेलता रहा है। लालू प्रसाद और मीसा भारती समेत 16 लोगों को कोर्ट द्वारा मिले समन की गूंज अब बिहार विधान मंडल में चल रहे बजट सत्र में भी सुनने को मिल सकता।

लेनी होगी जमानत, भोला यादव से भी लंबी पूछताछ हो चुकी है

इस मामले में गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद सीबीआई ने कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने के लिए यह अनुमति जरूरी थी। बता दें कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद जमानत पर हैं। लैंड फॉर जॉब का मामला वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2009 के बीच का हैं। उस समय लालू प्रसाद भारत सरकार के रेल मंत्री थे। आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले जमीन ली गई। इस मामले की जांच सीबीआई ने की और उसके बाद लालू प्रसाद समेत उनकी बेटी पर मामला दर्ज हुआ। वहीं, मीसा भारती अभी राज्य सभा की सदस्य हैं। इस मामले में लालू प्रसाद के बेहद करीबी भोला यादव से भी लंबी पूछताछ हो चुकी हैं। अरेस्ट करने के बाद उनसे पूछताछ हुई थी। भोला यादव 2004 से लेकर 2009 तक लालू यादव के ओएसडी थे। लालू प्रसाद, मीसा भारती समेत जिन 16 लोगों को समन जारी किया गया है उन्हें अब जमानत लेनी होगी।

16 ठिकानों पर छापेमारी कर कई सबूत सीबीआई ने जुटाए थे, राबड़ी आवास के बाहर सीबीआई का खूब विरोध हुआ था

9 महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को CBI ने छापेमारी की थी। पटना में राबड़ी देवी के आवास पर अहले सुबह ले लेकर रात तक यह छापेमारी चलती रही थी। उस समय आरजेडी कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया था। सीबीआई के खिलाफ खूब नारे नारेबाजी की थी। विधायक मुकेश रौशन ने सीबीआई के खिलाफ खूब नारे लगाए थे। अफसरों के साथ धक्कामुक्की और अभद्रता की गई थी। महिला अफसर को भी घेर लिया गया था। अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया।

भीड़ के बीच से किसी तरह अफसर बचकर निकले। बिहार सरकार की पुलिस देखती रही और लोग राबड़ी आवास के गेट तक आकर नारेबाजी करते रहे थे। किसी तरह सीबीआई के कई अफसरों को राबड़ी देवी के आवास के मुख्य गेट के बजाए दूसरे गेट से निकाला गया। एक ही कार में सीट से ज्यादा अफसरों को बैठा कर भेजा गया। अफसरों को बाहर निकालने के लिए राबड़ी देवी को गेट के बाहर तक आना पड़ा। समर्थकों के रवैये से नाराज राबड़ी देवी को थप्पड़ भी दिखाना पड़ा था। उस समय सीबीआई ने राबड़ी देवी के साथ मीसा भारती से सीबीआई ने अलग-अलग पूछताछ की थी।छापेमारी के समय सीबीआई ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि- ‘रेल मंत्री रहते हुए लालू ने 2004-2009 के दौरान समूह ‘डी’ में नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनें ट्रांसफर करायी। यह जमीन 1 लाख 5 हजार 292 स्क्वॉयर फीट है। यह सारी जमीन पटना में हैं। ये जमीनें लालू के परिवार से संचालित कंपनी के नाम पर गिफ्ट के तौर पर ली गई है।’ सीबीआई ने यह भी कहा था कि आरोप है कि क्षेत्रीय रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी पटना के निवासी नियुक्तियों को ,जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्ति दी गई।

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Author: liveindia24x7

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