प्रताप नगर थाना पुलिस ने एक युवती की शिकायत पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज किया है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी उसके संपर्क में कई समय से था। वह उसे बार-बार शादी का आश्वासन दे रहा था जिसके बाद आरोपी उसके साथ निरंतर दुष्कर्म कर रहा था। आरोपी के पास युवती के कुछ अश्लील वीडियो भी हैं। आरोपी ने अब शादी से इनकार कर दिया है और उसके साथ मारपीट कर रहा है। पुलिस में जाने की बात को लेकर उसके वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी है। 22 वर्षीय युवती ने प्रताप नगर थाने में मोनू धाकड़ के खिलाफ दुष्कर्म करने मारपीट करने और वीडियो वायरल करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रताप नगर थाना पुलिस ने बताया कि पीड़िता पिछले कई समय से मोनू धाकड़ के साथ रिलेशनशिप में थी। पीड़िता का कहना है कि मोनू धाकड़ ने उसे शादी का झांसा दिया और उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर आईपीसी की धारा 376 323 341 384 मुकदमा फाइल कर युवती का मेडिकल कराया गया है। आरोपी मोनू धाकड़ की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के केस दिनों दिन बढ रहे
जयपुर कमिश्नरेट में शांदी का झांसा देकर दुष्कर्म के केस दिनों दिन बढते जा रहे हैं। एसे में पुलिस ने भी इन केस को सामान्य मानते हुए जांच हैड कांस्टेबल स्तर के अधिकारियों से कराना शुरू कर दिया हैं। केसों की निरंतरता बढते देख इन की ग्रेवांस भी खत्म होती जा रही हैं।
उड़ीसा हाईकोर्ट ने रेप को लेकर अहम फैसला दिया
हाईकोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शादी का झांसा देकर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दुष्कर्म से जुड़े कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल अंतरंग संबधों को नियंत्रित करने में नहीं किया जाना चाहिए, जब एक महिला अपनी मर्जी से ऐसे संबंधों में शामिल होती है. हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की. कोर्ट ने आगे कहा कि यदि कोई महिला सहमति से यौन संबंध बनाती है तो आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के आपराधिक कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
जस्टिस एसके पाणिग्रही की सिंगल बेंच ने रेप के आरोपी एक युवक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए कहा, ‘बिना किसी आश्वासन के सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध के मामले को आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म के लिए सजा का प्रावधान) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है. शादी के झूठे वादे कर यौन संबंध बनाने को रेप की श्रेणी में रखना उचित नहीं है.