जोधपुर में साइबर थाना खुलने के 3 महीने बाद पहला मामला दर्ज हुआ है। एक युवती के फोटो को एडिट कर इंस्टाग्राम पर वायरल किया गया। इसकी जांच साइबर थाने के सहायक पुलिस आयुक्त मांगीलाल राठौड़ कर रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक ने नवंबर 2022 में प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाना खोलने के आदेश जारी किए थे। जोधपुर कमिश्नरेट का पुलिस थाना जनवरी 2023 से काम करना शुरू कर चुका है। लेकिन लोगों में सीधी एप्रोच और जागरूकता की कमी के कारण 3 महीने बाद पहली बार सीधा मुकदमा दर्ज हुआ है। अब पुलिस का दावा है कि साइबर अपराधों को ज्यादा बारीकी से और तेजी के साथ सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे। इससे पहले तक एकमात्र साइबर पुलिस थाना जयपुर में ही था।
इस प्रकार के मामले होते हैं साइबर थाने में दर्ज
– सोशल मीडिया के जरिए किसी प्रकार की अश्लीलता फैलाना या ठगी करना साइबर थाने में दर्ज होगा।
– एक लाख से अधिक रुपए की ठगी के मामले साइबर थाने में दर्ज होंगे।
– ऐसी ठगी जिनमें बिना मानव हस्तक्षेप के खाते से राशि चली गई हो वह साइबर थाने में दर्ज होगी।
– यदि किसी प्रकरण में ओटीपी देना या किसी प्रकार का लिंक क्लिक करना सामने आता है तो उसे सीधे तौर पर साइबर थाने में दर्ज नहीं किया जाएगा।
![जोधपुर में खुला पहला साइबर पुलिस थाना जिसमें 3 महीने बाद पहला मुकदमा दर्ज हुआ है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/04/06/cyber_1680787434.jpg)
साइबर क्राइम होने पर क्या करें
यदि किसी के साथ साइबर ठगी होती है तो सबसे पहले उसे ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करवाना होगा और 1930 पर सूचना देनी होगी। यह हेल्पलाइन नंबर टोल फ्री है। इसके बाद यदि साइबर थाने में सीधे दर्ज होने वाले प्रकरण है तो उसके लिए ऑनलाइन शिकायत करने के बाद संबंधित साइबर थाने में भी जाना होगा।
साइबर सेल से कई मामले ट्रांसफर होंगे
जोधपुर में पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर के पास ही एक मकान में साइबर थाना पिछले 3 माह से संचालित किया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक ने जब सभी जिलों में साइबर थाने खोलने के आदेश जारी किए थे तो उसमें यह स्पष्ट किया था कि जो साधारण पुलिस थाने हैं उनकी साइबर सेल के कुछ जटिल प्रकरण भी जांच के लिए ट्रांसफर किए जाएंगे।
अलग एंगल से जांच करती है टीम
इस मामले में एसीपी मांगीलाल राठौड़ के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक से लेकर कांस्टेबल तक सभी लोग साइबर जांच के लिए दक्ष किए गए हैं। किसी भी प्रकार की साइबर ठगी को सोशल मीडिया के लिए ट्रेस करने के अलग ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही फोकस 1 लाख से अधिक की राशि की ठगी होने पर परिवादी को पूरी राशि वापस दिलाने पर है।
![जोधपुर के साइबर पुलिस थाने में 3 महीने बाद पहला मामला दर्ज हुआ जिसमें एक युवती के सोशल मीडिया अश्लील फोटो अपलोड करना सामने आया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/04/06/cyber-2_1680787382.jpg)
युवती के अश्लील फोटो किए वायरल
जोधपुर के साइबर थाने में जो पहला मामला दर्ज हुआ है उसमें रातानाडा निवासी एक युवती ने रिपोर्ट दी है जिसमें उसने बताया कि उसकी तस्वीर लगाकर फोटो को एडिट कर न्यूड फोटो इंस्टाग्राम पर वायरल किए गए हैं। पुलिस ने तुरंत साइबर एक्सपर्ट की सहायता से इस मामले को ट्रेस करने पर काम शुरू कर दिया है।
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Author: liveindia24x7
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