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यह है बदनावर का कर्मवीर योद्धा।

धार, ब्यूरो चीफ़ सुनील कुमार विश्वकर्मा।

बदनावर ।जब पूरी दुनिया मे कोरोना का कहर छा रहा था तब बदनावर में भी चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था। रोज लोग मर रहे थे। एक दिन तो नागेश्वर के श्मशान घाट पर एक साथ 13 चिताएं जली। जो पूरे क्षेत्र के लिए डरावने वाली थी। वह लहर ऐसी थी कि उसमें सगे संबन्धी भी कोरोना पीड़ित के पास में जाने से डरते थे। उस समय अपनी जान की परवाह किए बगैर भाजपा प्रत्याशी व विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव मैदान में उतरे थे। यह वह व्यक्ति है, जिन्होंने 24 घँटे तक जनता की मदद की। उद्योग मंत्री होने का हमे उस दौर में खूब फायदा मिला था। 

जब पूरे जिले समेत एमपी के कई शहरों में आक्सीजन की कमी थी ।तब एक मात्र बदनावर ही ऐसा शहर था। जहां दत्तीगांव के प्रयास से हमे पर्याप्त आक्सीजन मिल रहा था। पीथमपुर प्लांट में दत्तीगांव ने सख्त निर्देश दे रखे थे कि बदनावर के जितने भी सिलेंडर आए, उन्हे तत्काल भरके रवाना करे। हमारे बदनावर से रोज 2 गाड़ी सिलेंडर लाने ले जाने के लिए सुबह व शाम को जाती थी। हमारे पास पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध था। दूसरे शहर के लोग यहां आकर आक्सीजन मांगते थे। जिसे हम बिना किसी भेदभाव के सिलेंडर उपलब्ध करवाते थे। यहां से आक्सीजन बडनगर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, धार तक हमने भेजे थे। दत्तीगांव के प्रयास से कई लोगो की जान बची थी। जिस रेमडेशिविर इंजेक्शन को लेकर हाहाकर मचा हुआ था। 35 से 40 हजार रुपए तक मे इंजेक्शन बाजार में बिक रहे थे। वे इंजेक्शन दत्तीगांव जी ने जनता की जान बचाने के लिए पर्याप्त उपलब्ध कराए थे। मरीजों को निशुल्क इंजेक्शन लगाए गए, व लोगो की जान बचाई। जब कोरोना की लहर में लोग तड़प रहे थे। उस समय दत्तीगांव ने काश्यप फेक्टरी के सहयोग से आक्सीजन प्लांट लगवा दिया था। सारे एमपी में जहां सिलेंडर नही मिल रहे थे। इन्होंने 200 जंबो सिलेंडर अस्पताल में बुलवा लिए थे। हमारे पास पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध थे। पूरा स्टाफ भी उपलब्ध था। 10 बेड का आईसीयू वार्ड तैयार करवा लिया था। जो बाद में कम पड़ने लगा था । और मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो 25 बेड का आक्सीजन वार्ड तैयार करवाया। मरीजों को तत्काल इलाज मिले इसके लिए सरदार पटेल हॉस्पिटल, मीडिया स्कूल भवन व छात्रावास भवन में अलग से सेंटर बनाकर मरीजों का इलाज करवाया। 

 जब बदनावर की जनता मुसीबत में थी ,तब इस नेता ने 24 घँटे अपना मोबाईल उठाया। यही नही अपने दोनों पी.ए .व पूरे स्टाफ को अलर्ट पर रखा था। जैसे ही मंत्री जी को कोई भी व्यक्ति मदद के लिए काल करता था। मंत्री जी तुरंत बिना सोचे समझे अपना पराए का कोई भेदभाव किये बिना मदद करते थे। 

कोरोना के मरीजों की जांच के लिए जब लोग परेशान हो रहे थे। तब इसी बंदे ने उद्योगपतियो, समाजसेवियों, अधिकारी व कर्मचारी तथा भाजपा के नेताओ के सहयोग से एक घँटे में ही 80 लाख रुपए एकत्रित करके एक करोड़ से अधिक लॉगत की नई सिटी स्कैन मशीन खरीदकर अस्पताल में लगवाई थी। बडनगर में सिटी स्कैन जांच 3 हजार रुपए में हो रही थी। जब हमने वही जांच 1 हजार रुपए में बदनावर में की थी । ,7 एंबुलेंस बदनावर क्षेत्र को तत्काल दिलवाई थी। मरीजों की अगर हालत गंभीर होती थी ।तो इंदौर, उज्जैन के अस्पतालों में दत्तीगांव ने फोन लगाकर मरीजों को बेड तक उपलब्ध कराए थे। जब बदनावर मुसीबत में था लोग जान गंवा रहे थे। तब यह जननायक अपनी खुद की जान की परवाह किए बिना अस्पतालों में पहुंच जाते थे। क्या इनकी जान प्यारी नही थी। पर उनका एक ही लक्ष्य था मेरी क्षेत्र की जनता सुरक्षित रहे। 

हां एक बात जरूर है, मंत्रीजी फोन ज्यादा नही उठा पाते है। हर इंसान की व्यस्तता होती है। इस कारण संभव नही रहता कि हर व्यक्ति का फोन उठा सके। किंतु जब बदनावर कोरोना की लहर में मुसीबत में था तब इस नेता ने 24 घँटे अपना फोन चालू रखकर लोगो के फोन उठाए। सुख के दौर में तो हर इंसान साथ मे रहता है, किन्तु असली पहचान तो तब होती है जब मुसीबत में दुख की घड़ी में कोई कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ रहे।

कोरोना की महामारी में दत्तीगांव ने तो अपना कर्म व धर्म दोनों ईमानदार से निभाया था। किंतु उस समय आप कहाँ थे। आज हर कोई मसीहा बनकर बदनावर को जीतना चाहता है। तब, नेतागण कहॉ ये पता नहीं? अब तो भाजपा संगठन के पदाधिकारी गण, मंडल अध्यक्ष आदि ने आम जनता को सेनेट नाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए थे। तब तो भाजपा के नेता और पदाधिकारी गण क्षेत्र में घूम कर लोगों को संभाला आज हर कोई बदनावर को अपनी मुट्ठी में आना चाहता है। मैं स्वयं इस बात का साक्षी हूँ की बदनावर में सैनी टाइजर मास्क जब मंत्री जी ने उपलब्ध करवाए तो मैंने और बिडवाल मंडल अध्यक्ष ने मिलकर बाँटे थे। दिन भर चाय पानी भी नहीं मिलता था। तो ख़ैर सेवा करना इन्सान का धर्म है और उसको निभाना चाहिए। चुनावी मेढक धीरे धीरे बाहर आ रहे हैं। चुनाव तो जनता जनार्दन को तय करना है।

बदनावर का भविष्य किसके साथ है और किसके साथ नहीं अपने मुद्दे चुनावों तक सीमित रखे हैं ।यह चुनाव बदनावर को आगे ले जाने का है।

बदनावर की जनता सब समझ चुकी है कि कहाँ उसका भविष्य है और कहाँ अंधकार यह लेख किसी पार्टी विशेष की बात करने के लिए नहीं लिखा गया है मैंने वास्तविकता को जब तरह ,तरह की बातें की जा रही है उस विषय में कौन कहाँ पर था सबको पता है।

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Author: liveindia24x7

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