लाइव इंडिया ब्यूरो संजय कुमार गौतम
विशेष न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने सुनाया निर्णय
चित्रकूट: रात्रि में धोखे से घर का दरवाजा खुलवाकर युवक का अपहरण करके ले जाने के मामले में दोष सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश ने जेल में बंद दस्यु खरदूषण उर्फ भइयन को सात वर्ष सश्रम करावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि रैपुरा थाने में छोटापाल पुत्र शम्भुपाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में वादी ने कहा था कि 31 अगस्त 2016 की रात लगभग 12 बजे वह अपने घर के बाहर सो रहा था। इस दौरान दो लोग बन्दूक लेकर आए और उसे चुपचाप पडे़ रहने के लिए धमकाया। इसके बाद उनमें से एक व्यक्ति ने घर के दरवाजे के पास जाकर कुण्डी खटखटाते हुए दरवाजा खोलने के लिए आवाज दी। जिस पर उसके चाचा का लड़का भइयालाल पुत्र ननकू धोखे में आवाज सुनकर दरवाजा खोल दिया। जिसके बाद उसे सब ने मिलकर पकड़ लिया और कहा कि राजकरण कोल का घर बताओं वहां ले जाने पर राजकरण घर में मौजूद नहीं मिला। जिसके बाद बदमाश उसके भाई भइयालाल को मात्र अगौंछा पहने हुए पकड़ ले गए। इसके बाद से अब तक उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद दस्यु खरदूषण उर्फ भईयन पुत्र हीरालाल निवासी नेवरा मऊ को मुठभेड में गिरफ्तार किया था। साथ ही इस मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने सोमवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर जेल में बंद आरोपी खरदूषण उर्फ भइयन को सात वर्ष सश्रम कारावास के साथ 20 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।