पांढुरना में कार्तिक मास के पहले दिन से सभी मंदिरों से हर दिन दिंडी निकली जाती है जो आज विठ्ठल रुक्मणि मंदिर मे कार्तिक पुर्णिमा पर समापन किया जाता है कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर रोजाना नगर के सभी मंदिरों से दिंडी यात्रा निकाली जाती थी दिंडी यात्रा सुबह 6 बजे निकलकर पूरे नगर में भ्रमण करती है एक महीने तक दिंडी यात्रा निकाली जाती है हिंदू धर्म के अनुसार दान करना , पुन्य कर्म, धार्मिक अनुष्ठान के लिए कार्तिक मास को पवित्र महीना माना जाता है और इस माह में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह मन जाता है जो विष्णुजी का अवतार विठ्ठल और माँ लक्ष्मी का रुक्मणि माना जाता है जो यह चातुर्मास का चौथा महीना कहलाता है लेकिन इस साल अधिकमास होने के कारण एक महीना ज्यादा रहा 5 महीने बाद आया कार्तिक पूर्णिमा के एक रात पहले विट्ठल रुक्मणी मंदिर में काकड़ आरती की जाती है इस मै नगर की सभी दिंडी समेलित होती है तत्पश्चात उस समय रात्रि में मंदिर के ऊपर टीपुर का दिया लगाया जाता है और उसी दिन दिन में दिंडी ढोलक मझीरे तबले के साथ भगवान विट्ठल रुक्मणी के मंदिर में नगर की सभी दिंडी एकत्रित होती है जयकारे से नगर गूंज उठता है तथा समस्त नगर में सुख शांति की भगवान विठ्ठल ओर रुक्मणि से कल्याण की कामना कि जाती है प्रतिवर्ष देखा जाता है कि नगर कि महिलाए सुबह उठकर अपने आंगन में रंगोली डालती हैं और दिंडी का जगह जगह पर स्वागत किया जाता है ओर इस साल भी यही देखने मिला और कार्तिक पूर्णिमा पर विठ्ठल रुक्मणि मंदिर में समापन हुआ