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नान की चरमराई पूरी तरह से की व्यवस्था

अरुण गर्ग चीफ ब्यूरो लाइव इंडिया सतना अभी हाल दिनो में ही में सतना तत्कालीन डीएम अमित गौड़ ने अपने कारनामों के लिए चर्चित

होकर मध्य प्रदेश सिविल सोसाइटी सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड भोपाल ने अमित गौड़ को लगभग 94 लाख का घोटाला करने पर अमित गौड़ को निलंबित कर दिया है परंतु यह निलंबित करना यह काफी होगा निलंबित के बाद अमित गौड़ पुनः बहाल हो जाएंगे परंतु आउटसोर्सिंग के कर्मचारी नरेंद्र पांडे एवं धनंजय द्विवेदी का क्या होगा देखने की बात यह है कि नरेंद्र पांडे और धनंजय द्विवेदी के ऊपर जो गंभीर अपराध लगाकर अमित गौड़ ने क्या सिद्ध कर चले गए हैं जब की जो अपराध नरेंद्र पांडे और धनंजय द्विवेदी को पर लगाए गए हैं यह पूरा लॉगिन पासवर्ड डीएम के से हुआ है तो अपराध अमित गौड़ के ऊपर भी बनता है तो अमित गौड़ के ऊपर उनके खिलाफ यह धारा क्यों लागू नहीं होती है और सबूत मिटाने की भी अलग से धारा अमित गौड़ के ऊपर लगाई जाए तभी तो दूध का दूध पानी का पानी हो सकेगा परंतु यह साफ जाहिर होता है की मध्य प्रदेश प्रदेश सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड भोपाल अमित गौड़ को बचाने में फिराक में है इस विषय को सतना श्री कलेक्टर अनुराग वर्मा को अमित दौड़ के ऊपर एफआईआर दर्ज करा कर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए जबकि यह देखा गया है कई मिलर और खरीदी केंद्र के संचालक समितियां एवं समिति के लोगों से चर्चा के दौरान यह बताया गया की नरेंद्र पांडे का 12 साल लगभग का कार्यकाल रहा है किसी भी प्रकार आज तक किसी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप आज तक नहीं लगा है और न ही धनंजय द्विवेदी को लगभग तीन वर्ष हो गए उसके ऊपर भी किसी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है परंतु अचानक ऐसा क्या हो गया ब्राह्मण परिवार में जन्मे बच्चों को भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया गया और बलि का बकरा बना दिया गया है ।जबकि जब से अमित गौड़ जब से सतना स्थानांतरण में आए हैं तब सतना के प्रमुख समाचार दैनिक समाचार पत्र इनके कार गुजरेयो को प्रमुखता से लेते रहे परंतु सतना डीएम अमित गौड़ को इससे कोई फर्क आज तक नहीं पड़ा है जबकि मध्य प्रदेश सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन भोपाल की श्रीमती प्रियंका गोयल कई बार नोटिस जारी कर जवाब तलब कभी प्रयास किया परंतु आज तक कोई संतोष जनक जवाब भोपाल नहीं भेजा । कई बार अक्सर यह देखा गया है कि डीएम मिलर से मिलने के लिए टाइम नही होता था न ही फोन उठाते थे अमित गौड़ इतने ही पाक साफ थे तो अपने मोबाइल से सभी मैसेजों को क्यों डिलीट कर दिया यह कारनामा हमारे सतना कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा जी ने खुद उनके मोबाइल को चेक किया था और पूरे मैसेज डिलीट करते पाए गए अमित गौड़ की करगुजारियों को अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए तो सारे घोटाले उजागर हो सकते हैं अब जांच के बिंदु में यह देखना होगा की बगहा स्थित प्रथम होटल में वह किससे मिलने गए थे और उन्होंने क्या वहां चर्चा की इस बिंदु के लेकर अगर जांच कराई जाए तो सारे घोटाले अमित गौड़ के अभी तक के कार्यकाल के उजागर हो सकते हैं अमित गौड़ जब से सतना में आए हैं उनका ऑफिस में बैठना कम ही हो पता था ज्यादातर वह खरीदी केदो में दौड़ा जारी रहता था अभी तक की खरीदी केंद् में क्या पकड़ में आया है सिर्फ उनका मकसद खरीदी केन्द्रों में किसानों के साथ भ्रष्टाचार करके वसूली करना जो अक्सर आए दिन सुनने में आता था ऑफिस में अमित गौड़ ने खुद बोल कर रखा था कि धनंजय द्विवेदी को कि देश के चौथे स्तंभ पत्रकारों को खरीदी केदो की सूची उपलब्ध नहीं कराना है जब तक मैं न बोलूं मेरे द्वारा खुद धनंजय द्विवेदी से सूची मांगने पर ने यह कहा कि आप स्वत अमित गौड़ जी से बात करके सूची लें उन्होंने मना किया है मेरे तो समझ से परे हैं उनकी नीति नीयत में अक्सर सवाल उठाए जा रहे थे पर वह अपने पाप का ठीकरा बेचारे भोले भाले वरिष्ठ कंप्यूटर ऑपरेटर नरेंद्र पांडे एवं कंप्यूटर ऑपरेटर धनंजय द्विवेदी के ऊपर एफआईआर कराकर अपने एफआईआर अपना नाम क्यू नही लिखवाया एफआईआर में जब की डीएम अमित गौड़ के ही आईडी पासवर्ड से सारा खेल हुआ है यह क्या न्याय उचित होगा कि अपने किए हुए का पाप किसी अन्य के ऊपर थोप दिया जाए क्या उचित है।अभी हाल ही में तत्कालीन डीएम सक्सेना ने भी आरक्षण प्रक्रिया को सतना में लागू कर किस तरीके से व्यवस्था लागू कर दी है की कुछ चुनिंदा मिलर द्वारा आरक्षण प्रक्रिया को हासिल कर पूरी मिलिंग व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है जिससे कि कई मिलरो में असंतोष फैल रहा है जबकि सतना में लगभग 130 मिलर रजिस्टर्ड है जिसमें आधे मिलर ही को आरक्षण के प्रक्रिया को लाभ मिल पाया है जिन मिलर ने इतने ही कई मिल लगाकर बैंकों से लोन लेकर अपना मिल चला रहे थे और राज्य सरकार की मदद कर रहे थे परंतु तत्कालीन डीएम सक्सेना की करगुजारियों के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है अपनी मिल चलाने के लिए कई मिलर तो बैंक से लोन भी ले रखा हैं परंतु समय पर किस्त जमा न होने के कारण डिफाल्टर हो रहे हैं तरह से उनकी सिविल भी बहुत खराब हो रही है इस समस्या को राज्य सरकार को स्वत संज्ञान में लेना होगा और आरक्षण प्रक्रिया को पूरी तरह से समाप्त कर नई व्यवस्था लागू करनी होगी और खाद्य मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत जी को इस पूरे मामले को संज्ञान में ले और किसी निष्पाच एजेंसी से कंप्यूटर ऑपरेटर नरेंद्र पांडे एवं कंप्यूटर ऑपरेटर धनंजय द्विवेदी के ऊपर लगे भ्रष्टाचार की पूरी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए अभी हाल ही के इस भ्रष्टाचार की घटनाक्रम से नान के सभी आउटसोर्स कर्मचारी में भय व्याप्त है और मिलिंग और खरीदी केंद्र का कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है खाद्य मंत्री श्री गोविंद राजपूत जी अगर इसमें स्पष्ट रूप से किसी जांच एजेंसी से जांच कराते है तो पुनः सुचारू रूप से सतना नान का काम प्रारंभ हो सकता है ।

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Author: liveindia24x7