ब्यूरो चीफ संजय कुमार चित्रकूट
देश में ब्राह्मणों की मनुवादी व्यवस्था मूलनिवासियों की बेवकूफी के कारण उनको गुलाम बनाये है। 85% बहुजन मूलनिवासियों को वर्ण और जाति के खांचे में इस तरह फिट कर दिया है कि उसमें से निकलना ही नहीं चाहते। बाबा साहब ने मन्त्र दिया था कि शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो! लेकिन बहुजन अपनी जाति के नशे में इस कदर चूर है कि संगठित होने का फार्मूला नहीं ढूंढ़ पा रहा है। संघर्ष करने की बात तो दूर की रही। एक तरफ मनुवादी सरकारें शिक्षा, रोजगार खत्म करती जा रही है, तो दूसरी तरफ बहुजन समाज के प्रतिनिधि अपनी कुर्सी- मोह से उबर नहीं पा रहें हैं; जिससे आरक्षण नामक हथियार भी भोथरा हो गया है। ये मनुवादी बड़ी चालाकी से लोकतन्त्र और संविधान को खत्म कर रहे हैं, किन्तु खाते- पीते बहुजन समाज को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। अगर होश में नहीं आये, तो धीरे- धीरे उनकी वंशजें भिखारियों की लाइन में लगने वाली हैं। पछताने को भी शेष नहीं बचने वाला है। आपकी नजरों के सामने वर्णवादी व्यवस्था कायम करने के लिए सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु संकल्प लिए जा रहे हैं। आप भी कुछ करने वाले हैं, या भाग्य के भरोसे बैठे रहेंगे। बाबा साहब को याद करो!