धार। ब्यूरो चीफ़ सुनील कुमार विश्वकर्मा।
बदनावर । प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव मेले का प्रारंभ 25 नवंबर शनिवार कार्तिक पूर्णिमा से होगा। धार ज़िले का सबसे प्राचीन मेला है यहाँ पर धार्मिक आयोजन पुरे वर्ष चलते रहते हैं जिसमें रामधुन और श्रावण मास पर भगवान भोलेनाथ पर जल अभिषेक किया जाता है। प्राकृतिक रूप से अति सुंदर स्थान है प्रकृति ने इसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं छोड़ी है भगवान भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंग पर प्राकृतिक रूप से झरना गिरता है और दो जलकुंड है जिसमें श्रद्धालु जन स्नान करके भगवान के पूजन करते हैं। प्रकृति की गोद में समाया है यह स्थान अति सुंदर और धार्मिक होने के साथ साथ ही पर्यटन स्थल भी है यहाँ लगने वाला मेला अतिप्राचीन मेला है। मेले का आयोजन वैसे तो जनपद पंचायत स्तर से
जन सहयोग के माध्यम से ही किया जाता है। जिसमें कोद , जालोद खेता आदि पंचायतों का सहयोग रहता है। लेकिन इस बार चुनावी आचार संहिता होने से सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी प्रशासनिक तौर से प्रशासन को मिली हुई है। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप जालोदखेता पंचायत के उप सरपंच मोहन मुनिया , ईश्वर कटारा कोद , प्रीतेष बना कोद, आदी का सहयोग व्यवस्था में रहेगा। लेकिन संपूर्ण रूप से प्रशासन की भूमिका मुख्य रहेगी। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी परिहार, नायब तहसीलदार प्रशस्ति जमारा, क़ानवन थाना प्रभारी रामसिंह राठौर की रहेगी।