लाइव इंडिया ब्यूरो संजय कुमार गौतम
चित्रकूट : परमहंस संत रणछोड़ दास महाराज के कर कमलो से जानकीकुंड में स्थापित रघुवीर मंदिर ट्रस्ट बड़ी गुफा में अरविंद भाई मफत लाल की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चल रही नौ दिवसीय राम कथा में मिथिला धाम से किशोरी शरण मधुकर महाराज(मुढिया बाबा सरकार) राम कथा का गान कर रहे है महाराज जी अपने अमृतमय वाणी से देश के कोने कोने से आए कथा रसिक गुरु भाई बहनों एवं कथा स्थल पर उपस्थित सभी कथा प्रेमियों को प्रभु की कथा का महत्त्व बताते हुए कहा कि जीव तब तक सुखी नही हो पाता जब तक अपने अंशीय ईश्वर को प्राप्त कर नही लेता और मानव जीवन केवल इन्हीं अंशिय की प्राप्ति के लिए मिला है नदियों की दौड़ तब तक है जब तक समुद्र को पा नही लेती समुद्र को पाते ही वह विश्राम को पा लेती है ऐसे ही जीव की दौड़ तब तक है जब तक जबतक अपने प्राण जीवन धन अपने प्राण प्रीतम प्रभु को पा नही लेता। इसी प्रभु की प्राप्ति के लिए मूलभूत स्वरूप में सत्संग है। जीवन मुक्त महापुरुष भागवत प प्राप्ति की पश्चात भी सत्संग से उपराम नहीं होते हनुमान , गरुण जी आदि नित्य मुक्त महापुरुष स्वयं भगवान शिव आदि भी भगवान की अनुपम कथा से अपने को उप्राव नहीं चाहते।ऐसी अनुपम भगवान की दिव्य कथा की निमित्त जो प्रेमी सज्जन बृंद बनते हैं जो मनोरथी होते हैं उनका परम परम सौभाग्य है। जितनी भी बधाई उन्हें दी जाय कम है।क्यों की भगवान की कथा एक ऐसी अनुपम दिव्य अनंत अनंत जीवो को अनंत काल की सुखी करने का दिव्य स्वरुप है। जिन प्रेमी सज्जन भक्तों को सीताराम सरकार माध्यम बना करके अपने अनंत जीव को अनंत अनंत कल्याण के लिए यह अनंत रसमई कथा को रसास्वादन कराने करने का सौभाग्य प्रदान करते हैं ओ जीव कितने कितने भाग्यशाली होते है। महाराज जी ने बताया कि कथा से बड़ा कोई दान ही नहीं बताया गया है क्यों कि संसार के जो भी दान है चाहे पृथ्वी तक दान कर दो ये सब नश्वर तत्व है पर प्रभु की कथा ही परम शाश्वत नित्य तत्व है भगवान से भी बड़ा है अगर कोई तो ओ भगवान की कथा है भगवान की प्राप्ति कराने वाली है तो भगवान की कथा है भगवान की कथा नही होती तो कोई सत्संग नही होता कोई भक्त नही होता कोई साधु संत महात्मा नही हो पाते। इस मौके पर चित्रकूट के तमाम साधु संत, आम जनमानस, तमाम प्रांतों से पधारे गुरु भाई बहन एवं सदगुरू परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।