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135 फीसदी से अधिक फीस वृद्धि करने और निजी प्रकाशकों की किताबें पालकों को क्रय कर आर्थिक क्षति पहुंचाने पर नालंदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरी को कारण बताओ नोटिस जारी

लाइव इंडिया ब्यूरो चीफ जगदंबा पाठक कटनी

 

क्यों न लगाया जाये जुर्माना

13 मई को कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष उपस्थित होकर पक्ष रखनें के निर्देश

कटनी – कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने नियमों के विपरीत निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि करनें और पालक, अभिभावक व छात्रों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें क्रय करने हेतु बाध्य करने के मामलों की जांच कराकर निजी स्कूलों के शाला प्रबंधन के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम और नियमों का उल्लंघन कर रिकार्ड 135.29 प्रतिशत की फीस वृद्धि करने और अन्य निजी प्रकाशकों की अनावश्यक और मंहगी पुस्तके क्रय करने हेतु विद्यार्थियों और अभिभावकों को बाध्य कर आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए नालंदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरी के संचालक सह प्राचार्य को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जिसमें उल्लेखित किया गया है कि नियमों का उल्लंघन करने के लिए शाला प्रबंधन पर क्यों न शास्ति अधिरोपित की जाये, इस संबंध में शाला प्रबंधन को पक्ष रखनें 13 मई का समय दिया गया है।

कलेक्टर अवि प्रसाद की अध्यक्षता मे आयोजित जिला समिति की बैठक में नालंदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरी के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच हेतु गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में कई विषयों पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम और नियम तथा राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के जारी निर्देशों का उल्लंघन होना पाया गया।

निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदनें किया बाध्य

. विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम संचालित है। विद्यालय में कक्षा 1 से 5 की कक्षाओं में अन्य प्रकाषन की पुस्तकें चलाई जा रही हैं। कक्षा 6 से 8 की पुस्तकें हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान की किताबें एनसीईआरटी की हैं एवं अन्य गतिविधि की किताबें निजी प्रकाशकों की लागू हैं, जो कि म.प्र. शासन, स्कूल षिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देषों का घोर उल्लंघन है।

कक्षा 6 से 8 में एनसीईआरटी की किताबों की तुलना में निजी प्रकाशकों की किताबों का मूल्य अधिक है, जो छात्रहित में उचित नहीं है। षिकायत की जांच के पहले एनसीईआरटी की पुस्तकों से भिन्न पुस्तकें भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा चलाई जा रही थी। जांच के दौरान विद्यालय प्रबंधन के लिखित अभ्यावेदन अनुसार निजी प्रकाशकों की पुस्तकें अब बंद कर दिये जाने की जानकारी दी गई। इससे स्पष्ट होता है कि शाला प्रबंधन द्वारा शासन के निर्धारित प्रावधानों के विपरीत जाकर निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें क्रय करने हेतु विद्यार्थी, अभिभावकों को बाध्य कर महंगी किताबें क्रय कराने से उन्हें आर्थिक क्षति हुई।

मनमानी फीस वृद्धि

नालंदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरी के शाला प्रबंधन द्वारा जांच दल के समक्ष प्रस्तुत कक्षावार और सत्रवार फीस वृद्धि का विवरण दिया गया। जिसके अनुसार नर्सरी, के.जी.1 से के.जी.2 में सत्र 2021-22 में 135.29 प्रतिषत, कक्षा 1 से 2 में सत्र 2021-22 में 15.15 प्रतिषत, सत्र 2023-24 में 17.40 प्रतिषत, कक्षा 3 से 5 में सत्र में 2021-22 में 15.15 प्रतिषत, सत्र 2023-24 में 16.11 प्रतिषत, कक्षा 6 से 8 में 2021-22 में 14.68 प्रतिषत, कक्षा 9 से 10 में 2021-22 में 15.5 प्रतिषत, सत्र 2022-23 में 10.61 प्रतिषत तथा कक्षा 11 से 12 में 2021-22 में 11.11 प्रतिषत तक की फीस वृद्धि करने पर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति की अनुमति नहीं प्राप्त की गई।

ये है नियम

मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम 2020 के नियम अनुसार निजी विद्यालय द्वारा प्रस्तावित फीस संरचना में वृद्धि यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 10 प्रतिषत से अधिक किंतु 15 प्रतिषत या उससे कम है, तो कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति से अनुमोदन तथा यदि प्रस्तावित फीस संरचना में वृद्धि यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 15 प्रतिषत से अधिक है, तो जिला समिति के माध्यम से राज्य समिति से अनुमोदन कराने का प्रावधान है। जिसका पालन शाला प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया।

क्यों न लगाया जाये जुर्माना

नियमों के उल्लंघन के लिए क्यों न, मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 व नियम 2020 के प्रावधानों के तहत शाला प्रबंधन के विरूद्ध शास्ति अधिरोपित की जावे? इस संबंध में शाला प्रबंधन को 13 मई 2024 को शाम 5.30 बजे कलेक्टर श्री अवि प्रसाद की अध्यक्षता वाली जिला समिति के समक्ष उपस्थित होकर पक्ष प्रस्तुत करने कहा गया है।

होगी एकपक्षीय कार्यवाही

कलेक्टर श्री प्रसाद की अध्यक्षता वाली जिला समिति के समक्ष में उपस्थित होकर शाला प्रबंधन को 13 मई को अपना पक्ष रखना होगा, अन्यथा की स्थिति में एकपक्षीय कार्यवाही की जायेगी, जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व शाला प्रबंधन का होगा।

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Author: liveindia24x7