लू से बचाव हेतु क्या करें और क्या न करें
बड़वानी 27 मई 2024/लू की स्थिति में शारीरिक तनाव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु भी हो सकती है। लू के प्रभाव को कम करने और हीट स्ट्रोक के कारण गंभीर बीमारी या मृत्यु को रोकने के लिए, निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।
दोपहर 12 बजे से 3 बजे के दौरान धूप में बाहर निकलने से बचें जरूरत हो तब ही बाहर निकले।
पर्याप्त मात्रा मे पानी पियें ।
हल्के रंग के, ढीले और आरामदायक सूती कपड़े पहनें।
धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता/टोपी और जूते का उपयोग करें।
जब बाहर का तापमान अधिक हो तो अधिक श्रम वाली गतिविधियों नहीं करे।
यात्रा करते समय अपने साथ शीतल पेयजल रखें।
शराब, चाय, कॉफी और कार्बाेनेटेड युक्त शीतल पेय का सेवन नहीं करे, जो शरीर को निर्जलित करते हैं।
उच्च प्रोटीन युक्त भोजन और बासी भोजन का सेवन न करे।
पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें।
यदि आप अचेत अथवा अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श ले।
ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है।
जानवरों को छाया में रखें और उनके लिए पर्याप्त जल का प्रबंध करे।
अपने घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें और रात में खिड़कियां खोलें।
लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए सुझावः
व्यक्ति को छाया मे लिटाये और उसके शरीर को गीले कपड़े से बार-बार पोंछें या धोएं। शरीर के तापमान को कम करने के लिए सामान्य तापमान का पानी सिर पर डालें।
शरीर को हाइड्रेट करने के लिए ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि पिलाये ।
अगर रोगी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है तो तत्काल निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं क्योंकि हीट स्ट्रोक घातक हो सकता है।
गर्मी की लहर के दौरान गर्म वातावरण के धीरे-धीरे संपर्क में आने से अनुकूलन प्राप्त होता है। गर्मी के मौसम के दौरान ऐसा कोई व्यक्ति जो ठंडी जलवायु से गर्म जलवायु में आया हो उन्हें एक सप्ताह तक बाहरी वातावरण में नहीं घूमना चाहिए जब तक वह इसके अनुकूल न हो जाए ।