इंदौर जिले में अभियान के तहत जल संरक्षण-संर्वधन के कार्यों के साथ ही व्यापक स्तर पर होगा वृक्षारोपण
इंदौर 06 जून, 2024
राज्यशासन के निर्देशानुसार जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन की विशेष उपस्थिति में इंदौर में जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत जिले भर में व्यापक कार्ययोजना बनाकर जल संरक्षण-संर्वधन के कार्यों के साथ ही व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य भी किया जायेगा। इस मौके पर इंदौर के पूर्व महापौर श्री कृष्णमुरारी मोघे तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीना मालवीय विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल स्त्रोतों तथा नदी, तालाब, कुआं, बावड़ी एवं अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन हेतु 16 जून तक यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवाहित होने वाली नदियों, उनमें मिलने वाली सहायक नदियों एवं जल संरचनाओं का पुनर्जीवीकरण एवं संरक्षण किया जाना है।
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने आज इंदौर जिले के ग्राम झलारिया में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर अतिथियों ने झलारिया ग्राम में 32 लाख रुपए की लागत के घाट निर्माण और तालाब के सौंदर्यकरण के कार्य का शुभारंभ किया।
अभियान के तहत इन्दौर की समस्त ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और संर्वधन संबंधी विभिन्न कार्य किए जाएंगे। इंदौर जनपद पंचायत क्षेत्र में ग्राम पंचायत में साफ-सफाई के 81 कार्य तथा जन भागीदारी से तालाब गहरीकरण के 17 कार्य होंगे, जल हट में चयनित 12 कार्य किये जायेंगे। मियावाकी पद्धति से 24 हजार तथा 67 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक रूप से 52 हजार 332 पौधों का रोपण होगा। 68 निजी भूमि पर 11 हजार पौधे लगाये जायेंगे। इसी तरह के कार्य अन्य जनपदों में भी होंगे। कार्यक्रम में ग्राम झलारिया स्थित श्री अवध धाम मंदिर के सामने बड़ा तालाब पर घाट निर्माण व तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन भी किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इस अभियान से जहां एक ओर जल के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी वहीं दूसरी और पर्यावरण में भी सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत नदी, तालाब, कुओं, बावड़ी आदि जल सरचनाओं का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण कर उन्हें उपयोगी बनाया जायेगा। केचमेट एरिये से अवरोध हटाकर पानी के आवक में वृद्धि की जायेगी। तालाबों के किनारों पर हरित क्षेत्र बफर झोन तैयार किया जायेगा। हमारा प्रयास है कि वर्षा के जल को ज्यादा से ज्यादा संचित कर भू-जल स्तर में वृद्धि की जाये।
इस मौके पर श्री रामेश्वर चौहान, श्री बृज मोहन राठी, श्री माखन पटेल, श्री सुरेश कुरवाड़े, श्री विपिन जागीरदार, श्री मानसिहं चौहान, श्री विश्ववजीत सिंह सिसौदिया, श्री सुधीर अजनी, श्री गोविन्द सिंह तथा श्री मुकेश पटेल विशेष रूप से मौजूद थे।