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मिलर प्रतिनिधि के उपर गहरया आर्थिक संकट जिसके पीछे है जिम्मेदार तत्कालीन नान डीएम सक्सेना

अरुण गर्ग चीफ ब्यूरो लाइव सतना

नान के लगभग 125 मिलर के प्रतिनिधियों के ऊपर इस समय आर्थिक संकट काफी जायदा गहराया हुआ है कुछ मिलर ने अपने मिलर प्रतिनिधियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है धान का सीजन नवंबर से लेकर अप्रैल तक रहता है तब तक के लिए मिलर प्रतिनिधियों को रखा गया इसके पश्चात धान उपलब्धता न होने के कारण उन सभी मिलर के प्रतिनिधियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया ऐसी स्थिति में मिलर प्रतिनिधि कहां जाएं यानी कुल मिलाकर जब तक काम था उनसे काम लिया अब जबकि काम नहीं है तो बाहर रास्ता देखा दिया जबकि प्रतिनिधि दिन रात भूखे पियशे मिल के हित के लिए काम करते थे पर अब मिलर प्रतिनिधियों को मिल मलिक की आवश्यकता है तब उन्हें बाहर का रास्ता दिखा कर अलग कर दिया गया ऐसे में सैकड़ो मिलर प्रतिनिधि आज भी दर दर की ठोकरे खाने में मजबूर हैं यह सारा खेल नान के तत्कालीन डीएम सक्सेना जी द्वारा धान आरक्षण से हुआ है कुछ मिलर ने नान के कर्मचारी से साठ गांठ कर धन आरक्षण कर लिया जिससे धान की उपलब्धता बनी रही और मिल सुचारू रूप से चल रही है परंतु अधिकांश मिल में धान उपलब्धता न होने के कारण मिल बंद पड़ी है ऐसी में स्थिति में यह कहकर मिलर ने ये कह कर बाहर रास्ता देखा दिया की मिल में कोई काम नही है जब की ये नियम विरुद्ध है अब जब कोई काम होगा तब हम आपको बुला लेंगे पर ऐसी स्थिति में 8 माह से वेतन न मिलने के कारण कैसे उनके घर का गुजारा हो पाएगा यह श्रम विभाग के अधिकारियों को सोचना वैसे भी विभाग कर्मचारियों के हित के लिए ही बनाया गया है अब देखना होगा कि श्रम विभाग के कर्मचारी कितना तत्परता दिखाते है जिला कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा जी भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लें और आदेशित करें कि श्रम विभाग के अधिकारी मिलर के कर्मचारियों के हित की रक्षा करें जिससे कि कर्मचारियों में सरकार के प्रति विश्वास बना रहे और और मिलर प्रतिनिधि के किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट न खड़ा हो और आज भी कुछ ऐसे मिलर है की मिल के कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानते हैं ऐसा ही एक नाम अरिहंत इंडस्टरीज के सम्माननीय साथापक श्री गिरीश शाह के सुपुत्र कल्पेश शाह ने आज भी मिलर प्रतिनिधि रखे हुए हैं अमन कुशवाहा और कपिल सिंह दादा को अपने कर्मचारी के रूप में रखे हुए है और उनकी हर आर्थिक स्थिति और जरूरत को पूरा किया जाता है और कल्पेश शाह द्वारा ऐसे कई कर्मचारियों को अपना परिवार का हिस्सा मानते हैं भले आज मिल में किसी भी प्रकार का कोई काम ना हो परंतु उनके मिल के अधिनिष्ठ पल्लेदार मिल कर्मचारी और मिल को चलाने वाले ऑपरेटर और कुछ कर्मचारी को हमेशा सुख-दुख में 24 घंटा खड़े रहते हैं और उनके जरूरतों को पूरा करते हैं और समय समय पर गरीबों की मदद के लिए वह हमेशा आगे रहते हैं अभी हाल ही में कुछ दिन पहले कोरोना की इस भीषण महामारी में पूरे विश्व में आर्थिक संकट खड़ा हो गया था पर ऐसी स्थिति में अरिहंत इंडस्टरीज के मालिक कल्पेश शाह ने बहुत लोगों की आर्थिक मदद किया परंतु कल्पेश शाह ने अपने हितों को ध्यान न रखते हुए मानवता का सेवा में लगा दिया अब सब को मिल मालिक को मानवता के लिए सोचना चाहिए और मिलर प्रतिनिधि के बारे में सोचना होंगा

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Author: liveindia24x7