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पांचवें साल भी नहीं बढ़ेगा जमीन का गाइडलाइन रेट:जिलों से शासन को मिले प्रस्ताव में इस साल भी रेट नहीं बढ़ाने की अनुशंसा

छत्तीसगढ़ में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री या रियल एस्टेट के लिए राहत की खबर यह है कि सरकार लगातार पांचवें साल जमीन के सरकारी रेट यानी कलेक्टर गाइडलाइन रेट में वृद्धि नहीं करने जा रहा है। वजह ये है कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों से शासन को प्रस्ताव मिला है कि गाइडलाइन रेट कम होने से सरकारी राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में इस साल यानी 2023-24 के लिए भी सरकारी रेट में वृद्धि नहीं होनी चाहिए। गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाने का फैसला इसी आधार पर लिया जाएगा। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि चुनावी साल में सरकार आम लोगों के लिए रजिस्ट्री का खर्च नहीं बढ़ाना चाहती, इसलिए भी गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ेगा। राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब गाइडलाइन रेट लगातार पांच साल से एक जैसा ही रहेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल के बजट में राहत की कई घोषणाएं की हैं। उसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि गाइडलाइन रेट में वृद्धि नहीं होगी। गौरतलब है, प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद 2019-20 में पहली बार कलेक्टर गाइडलाइन रेट बढ़ाने के बजाय 30 प्रतिशत घटा दिया गया था। इस कमी को बरकरार रखते हुए 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।

जिले के पंजीयन विभागों का तर्क है कि जब से गाइडलाइन रेट कम किया गया है, सरकार की रजिस्ट्री से होने वाली आय लगातार बढ़ रही है। 2019-20 में करीब 1200 करोड़ की आय हुई थी, जो 2022-23 में बढ़कर 2100 करोड़ के पार हो गई है। राज्य बनने के बाद 23 साल में पहली बार ऐसा हुआ, जब रजिस्ट्री से शासन को होने वाली आय 2000 करोड़ के पार हुई है।

रजिस्ट्री 4 साल पुराने रेट पर
कलेक्टर गाइडलाइन में किसी भी तरह का कोई इजाफा नहीं होने की वजह से यह तय हो गया कि रायपुर समेत राज्यभर के लोगों को चार साल पुरानी कीमत पर ही जमीन मिलेगी। यानी जो कीमत चार साल पहले थी उसी कीमत में पर जमीन, मकान, बंगलों और फ्लैट की रजिस्ट्री हो सकेगी। इससे उन्हें केवल रजिस्ट्री कराने में लाखों की बचत होगी। जो लोग पहले मकान या जमीन नहीं खरीद पाएं हैं वे इस साल यानी 2023-24 में भी पुरानी कीमत पर ही जमीन की खरीदी कर उसकी रजिस्ट्री करवा पाएंगे।

चार साल पुराना रेट, फिर भी बढ़ी रजिस्ट्री आय

  • पहली सरकार जिसके पांच साल के शासनकाल में गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ा।
  • 23 साल में पहली बार आय 2000 करोड़ से पार, अब 2400 करोड़ की उम्मीद।
  • चुनावी साल होने की वजह से भी आम लोगों पर नहीं बढ़ाया जा रहा है बोझ।
  • पिछले 4 साल में जितना टारगेट तय हुआ, उससे 40 फीसदी आय ज्यादा हुई।

इससे रियल एस्टेट कारोबार में भी इस साल रहेगी बूम

रियल एस्टेट के कारोबार में इस साल बूम जैसी स्थिति है। सभी जिलों में 2022-23 के लिए पंजीयन विभाग को मिला रजिस्ट्री के राजस्व का टारगेट जनवरी में ही पूरा हो गया है। कई जिलों ने तो फरवरी अंत तक रिवाइज टारगेट भी पूरा कर लिया है। सरकार ने पिछले वित्तीय साल यानी 2021-22 में 1700 करोड़ का टारगेट तय किया था। बाद में इसे बढ़ाकर 1800 करोड़ कर दिया गया था, यह टारगेट भी पूरा हो गया था।

इस साल राज्य सरकार ने 2000 करोड़ का लक्ष्य रखा था जिले जनवरी में बढ़ाकर 2100 करोड़ कर दिया गया। यह टारगेट फरवरी में ही पूरा हो गया है। मार्च 2023 तक 2400 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिलने की उम्मीद है।

गाइडलाइन रेट के आधार पर खरीदते हैं रजिस्ट्री का स्टांप
सरकारी रेट या कलेक्टर गाइडलाइन रेट वह है, जिसके आधार पर रजिस्ट्री के लिए स्टांप खरीदा जाता है। जैसे, छत्तीसगढ़ में अभी महिलाओं के लिए रजिस्ट्री शुल्क 4 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 5 प्रतिशत है। इस शुल्क की गणना गाइडलाइन रेट पर होती है। अगर गाइडलाइन रेट बढ़ेगा, तो प्रतिशत के हिसाब से ज्यादा पैसों का स्टांप खरीदना होगा, अर्थात रजिस्ट्री का खर्च अपने आप बढ़ जाएगा।

रायपुर में 800 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री
राजधानी रायपुर में इस साल भी रजिस्ट्री बड़ी संख्या में हो रही है। 2021-22 की शुरुआत में 545 करोड़ की रजिस्ट्री का टारगेट दिया गया था, लेकिन बाद में 623 करोड़ का रिवाइज टारगेट दिया गया। 31 मार्च 2022 तक रायपुर जिले में 730 करोड़ की रजिस्ट्री की गई थी। इस साल विभाग ने 776 करोड़ का टारगेट दिया था, लेकिन यह लक्ष्य जनवरी में ही पूरा हो गया। इस वजह से इस लक्ष्य को बढ़ाकर 805 करोड़ कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है इसमें 83 फीसदी टारगेट पूरा हो गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 5511 रजिस्ट्री रायपुर जिले में ही हुई है। अभी मार्च तक यह आंकड़ा और बढ़ेगा। रायपुर में पहली बार ऐसा हो रहा है रजिस्ट्री से इनकम 800 करोड़ से ज्यादा की हो रही है।

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Author: liveindia24x7