नगर निगम को लक्ष्य पूरा करने पर वित्त आयोग से मिलती है राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 को खत्म होने में अब महज छह दिन शेष हैं। नगर निगम ने संपत्ति और जलकर वसूली के लिए 400 से ज्यादा अफसर और कर्मचारियाें काे मैदान में उतार दिया है। इस बार पिछले साल वसूली गई राशि से दस प्रतिशत ज्यादा टैक्स वसूलने का टारगेट है। यह टारगेट पूरा नहीं हुआ ताे नगर निगम काे विकास कार्याें के लिए 15वेंं वित्त आयोग से राशि नहीं मिलेगी।
पिछले साल संपत्तिकर और जलकर के एवज में 103 करोड़ रुपए वसूले गए थे। अभी तक अमला 100 कराेड़ रुपए वसूल चुका है। टारगेट के अनुसार पिछले साल से 10 प्रतिशत अधिक यानि 13 करोड़ रुपए 31 मार्च तक वसूलना है। अफसरों का दावा है कि ये टारगेट पूरा लेंगे।
ऐसे समझें: संपत्तिकर और जलकर की वसूली
संपत्तिकर
- साल 2021-22: 81.12 करोड़ रुपए गार्बेज शुल्क सहित।102548 लोगों से वसले गए। पिछले साल अभी तक 64.14 करोड़ रुपए टैक्स वसूला गया था।
- साल 2021-23: अभी तक 80 करोड़ रुपए गार्बेज शुल्क सहित। अभी तक 115089 लोगों से टैक्स वसूला गया।
- स्टाफ- एक अपर आयुक्त, 4 उपायुक्त, 11 एपीटीओ, 66 कर संग्रहक, 30 कम्प्यूटर स्टाफ, 40 कर संग्रहक सहायक, अभी 100 का अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया।
जल कर
- साल 2021-22: निगम ने 22 करोड़ रुपए की वसूली की।
- साल 2021-23: अभी तक 20 करोड़ रुपए से अधिक वसूली।
- स्टाफ: 66 उपयंत्री, 66 बिल क्लर्क और 66 बिल वितरक, शेष कम्प्यूटर आपरेटर, पंप चालक लेबर को वसूली में लगाया गया है।
आखिरी महीने में पूरा जाेर इससे पहले बरती ढिलाई
निगम के जानकारों का कहना है कि अफसरों को संपत्तिकर और जलकर की राशि पूरे साल घर-घर जाकर वसूलना चाहिए। अंतिम में जिस तरह से रफ्तार दिखाई जाती है। यदि 12 महीने ऐसा ही काम हो, तो निगम में दर्ज 3 लाख से ज्यादा संपत्तियों से टैक्स की वसूली की जा सकती है। इससे रेवेन्यू भी बढ़ेगा।
मुख्यालय से वीसी में निर्देश मिले हैं
पिछले साल की तुलना में संपत्तिकर और जलकर दस प्रतिशतज्यादा वसूलना है। ऐसे निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मिले थे। यदि 10 प्रतिशत अधिक राशि नहीं वसूली गई, तो 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि रुक सकती है। निगम टारगेट को पूरा जरूर करेगा। उम्मीद है कि इससे ज्यादा वसूली पर पहुंच जाएं। -किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम
वाटर सप्लाई व सीवरेज के लिए फंड की दरकार
निगम को 15वें वित्त आयोग से अभी तक वाटर सप्लाई और सीवरेज के लिए 52 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। 49 करोड़ रुपए और मिलना है। 22 करोड़ रुपए से 4 डंपर, 2 मिनी डंपर और दो जेसीबी खारीदी जा चुकी हैं। अधिकारियों के लिए 15 टाटा की इलेक्ट्रिक वाहन अप्रैल में आ जाएंगे। इसके अलावा डस्टफ्री सड़कें बनाने काम भी किया जाएगा। निगम को उम्मीद है कि इतनी ही राशि 2023-24 में मिलेगी। इससे वाटर कैनन मशीन, डस्ट फ्री सड़कें, रोड स्वीपिंग मशीन, डोर-टू-डोर सीएनजी वाहन, सीवर और पेयजल संबंधी काम हो सकेंगे।
आज छुुट्टी के दिन खुलेगी कैश विंडो: शासकीय अवकाश में भी नगर निगम की सभी कैश विंडो सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुली रहेंगी। निगम के संपत्ति कर व जलकर वसूली अमला भी क्षेत्र में रहकर वसूली करेगा।