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डॉक्टरों की पदस्थापना के बाद अस्पताल में उपस्थित नहीं होते डॉक्टर, बीएमओ ने जारी किया नोटिस

ब्यूरो श्याम तिवारी

कोतमा । कोतमा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली के आंसू आज भी रो रहा है। 5 वर्ष पूर्व हॉस्पिटल बचाओ हॉस्पिटल सुधारो आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिस पर स्टांप में जनप्रतिनिधियों से हॉस्पिटल की स्थिति सुधारने का वादा लिखित में लिया गया था लेकिन वादा तो पूरा नहीं हुआ हॉस्पिटल जरूर बीमार पड़ गया। स्थिति यह है कि डॉक्टरों की पदस्थापना होने के बाद भी हॉस्पिटल के जिम्मेदारों को डॉक्टरों के नाम तक नहीं पता रहते हैं। लाखों की मशीनें प्रयोगशालाओं पर पड़ी पड़ी खंडार होती जा रही हैं पर पदस्थ डॉक्टर कागजों में हाजिरी भरकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। कोतमा तथा आसपास के 50 से ज्यादा गांव समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के ऊपर निर्भर है पर निर्भरता के बदले आम जनमानस को सिर्फ मायूसी ही हाथ लगती है।

दंत चिकित्सा की मशीन हो रही खंडहर

विगत कई महीनों से कोतमा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दंत चिकित्सक के रूप में डॉक्टर की पदस्थापना कर सुविधा प्रदान की गई थी लेकिन डॉक्टरों की मनमानी और खंड चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही के कारण कई महीनों बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक कोतमा के आम जनमानस को दंत चिकित्सक या दंत चिकित्सक का लाभ नहीं मिल पाया है। यहां तक की प्रशासन द्वारा दंत चिकित्सा के लिए डॉक्टर की पदस्थापना के साथ ही दंत चिकित्सा की मशीन भी उपलब्ध कराई थी जिसे एक कमरे में बंद कर खंडहर होने के लिए रख दी गई जबकि प्रशासन की मंशा जनता को दंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की थी जिसके लिए लाखों रुपए खर्च कर मशीनें भी मंगवाई गई लेकिन कोतमा खंड चिकित्सा अधिकारी और दंत चिकित्सा में पदस्थ सोनाली जैन डॉक्टर की लापरवाही के कारण कोतमा की जनमानस उक्त चिकित्सा सुविधा से वंचित रह गए हैं।

बीएमओ ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

कई महीनों से लगातार ड्यूटी में उपलब्ध ना होने के कारण डॉ सोनाली गुप्ता को कोर्ट में खंड चिकित्सा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस दिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 2022 के पदस्थ डॉ सोनाली गुप्ता की अनुपस्थिति की जानकारी अब तक खंड चिकित्सा अधिकारी या अन्य किसी भी डॉक्टर को क्यों नहीं थी। आखिर क्या कारण था कि डॉक्टरों की पदस्थापना होने के बाद अनुपस्थित होने के बाद भी उपस्थिति पंजीयन पर प्रतिमा हाजिरी लगाकर सैलरी भी आहरण कर ली जाती थी। दूसरे सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सैलरी के लिए नोट सीट पर खुद खंड चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर लगते हैं तो क्या खंड चिकित्सा अधिकारी को डॉक्टर की अनुपस्थिति की जानकारी नहीं थी या फिर खंड चिकित्सा अधिकारी की मिलीभगत से डॉक्टर और उपस्थित होकर लगातार सैलरी उठा रही थी।

सालों से बंद पड़ी थी ब्लड स्टोर रेफ्रिजरेटर

कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक ऐसा केंद्र है जहां सुविधा के लिए सारी मशीनरी वस्तुएं तो मौजूद है लेकिन और मशीनरी से लिए जाने वाले काम समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं किए जाते हैं। ब्लड स्टोरेज यूनिट के लिए वर्ष भर पूर्व कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को ब्लड स्टोर रेफ्रिजरेटर उपलब्ध कराया गया था जोकि कमरे में बंद पड़े पड़े कबाड़ का रूप ले रहा था कलेक्टर के आगमन और लगातार चिकित्सा सेवा को व्यवस्थित रूप से बहाल करने की पहल करने के बाद हफ्ते भर पूर्व समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के खजाने से ब्लडस्टोन रेफ्रिजरेटर को बाहर निकाल कर उसे चालू किया गया लेकिन वह चालू स्थिति में नहीं होने पर बुधवार को जिले से जांच टीम आई तब जाकर कहीं कोतमा में ब्लड स्टार रेफ्रिजरेटर दोबारा चालू किया गया।

निर्माण कार्य में चल रही लीपापोती

आम जनमानस की सुविधा के लिए पैथोलॉजी केंद्र के लिए हॉस्पिटल परिसर में भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है लेकिन ठेकेदार की मनमानी और जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण प्राक्कलन के विपरीत निर्माण कार्य किया जा रहा है लगातार गुणवत्ता विहीन सामग्री का इस्तेमाल कर भवन निर्माण का कार्य कर रहे हैं। अगर ऐसी ही स्थिति लगातार बनी रही तो भविष्य में आम जनमानस को मिलने वाली सुविधा असुविधा में परिवर्तित हो जाएगी।

इनका कहना है।
डॉक्टर की अनुपस्थिति पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जल्द ही हॉस्पिटल में अन्य सुविधाएं भी बहाल किए जाना है जिसके लिए विभाग प्रयासरत है।

धनीराम सिंह श्याम
कोतमा खंड चिकित्सा अधिकारी

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Author: liveindia24x7