धार, ब्यूरो चीफ सुनील कुमार विश्वकर्मा
धार, भारी बारिश से हुई फसल खराब के लिए कलेक्टर महोदय धार द्वारा आदेश दिया गया था, लेकिन सर्वे टीम मात्र लीपा पोती करने में लगा हुआ है, किसान का क्या होगा, क्योंकि अन्नदाता के पास कोई विकल्प नहीं है, धार जिले की सभी विधानसभा में बारिश का प्रभाव पड़ा है फसल खराब हुई है, सिर्फ नदी तालाब के किनारो का सर्वे किया जा रहा है, सोयाबीन धार जिले की मुख्य फसल है जिसमें अधिकतर किसानों ने लेट वैरायटी की फसल बुवाई की है, उसमें फसल जमीन पर गिर गई है। गिरने से सोयाबीन में दाना 50 से 55 परसेंट बारिक रहने की पूरी-पूरी संभावना लग रही है ऐसे में प्रशासन और सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसान ने प्रधानमंत्री बीमा करवाया है, इसमें प्रशासन को और सरकार को क्या परेशानी है, समझ में नहीं आता सिर्फ नदी नालों तालाबों के किनारो कि नहीं अनेक खेतों में नागदा से लगाकर चिराखान तक रोड से देखने पर ऐसे अनेक खेत दिख जाएंगे, लेकिन सर्वे टीम को नहीं दिखाई दे रहे हैं, प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, किसान से संबंधित विषय को लेकर किसी के पास समय नहीं है, आगामी रवि फसल हेतु किसानों को तैयारी करना है और चुनाव आने वाले हैं, किसान के मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं देगा, अगर प्याज के दाम थोड़े से बढ़ जाए तो मीडिया की हेडलाइन बन जाती है आचार संहिता लगने वाली है, और दोनों ही दल व्यस्त हो जाएंगे, किसान की रवि फसल के लिए पर्याप्त खाद की व्यवस्था चुनाव आचार संहिता के पहले सरकार को सुनिश्चित करनी चाहिए। वरना किसान को-एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।। इसलिए ध्यान दें सरकार और प्रशासन रवि फसल कि बुआई समय पर किसान कर पायेगा ।

Author: liveindia24x7



